सेंट्रल डेस्क
डॉ कमलनाथ, एक ऐसा नाम जिसने देश की राजनीति में कई नये और उल्लेखनीय आयाम जोड़े है। चाहे केंद्र की कांग्रेस सरकार के समय विभिन्न मंत्रालयों की जिम्मेदारी का वक्त हो, या फिर उस समय जब केंद्र से कांग्रेस सरकार की डूबती नैय्या को खेवनहार के रूप में संसदीय कार्य मंत्री की जिम्मेदारी का वक्त हो, उन्होंने अपनी राजनीतिक कूटनीति का सराहनीय उदाहरण पेश किया था। दरअसल कमलनाथ की कार्यशैली का हर वो शख्स फैन है जो राजनीतिक विश्लेषण कौन निष्पक्षता से करने का विवेक रखता हो। उनकी कार्यप्रणाली से कांग्रेस ही नही अन्य कई दलों के नेता भी प्रभावित है। इन दिनों वे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं और पूरी तरह से एक्शन मोड में है। प्रदेश का कार्यभार संभालते ही उन्होंने घोषणा पत्र के वादों को पूरा करने के साथ ही उन विसंगतियों को दूर करने का काम भी शुरू किया, जिनका सीधा प्रभाव जनता पर और प्रदेश के रेवेन्यू पर पड़ता है।
कमलनाथ ने प्रदेश को माफिया मुक्त करने का दृढ़ निर्णय लिया और कुछ ही दिनों में उसका रिज़ल्ट आना भी शुरू हो गया है। कमलनाथ ने प्राथमिक रूप से 11 प्रकार के माफियाओं को चिन्हित किया जिसमें ड्रग माफिया, भू माफिया, वसूली फिरौती माफिया, शराब माफिया, मिलावट चिटफंड अवैध कॉलोनी ब्लैकमेल माइनिंग ट्रांसपोर्ट और सहकारी माफिया को अपने रडार पर लेते हुए कार्यवाही शुरू कराई। जिसका नतीजा यह निकला कि अब तक अवैध उत्खनन के 1330 मामले दर्ज किए गए । अवैध परिवहन के 8294, अवैध भंडारण के 531 । इस तरह 10155 कार्रवाई की गई । वहीं 615 भू माफियाओं, 694 शराब माफिया, 150 मिलावट माफिया, 65 सहकारी माफिया, 149 वसूली माफिया, 1053 ट्रांसपोर्ट माफिया पर कार्यवाही की गई है इसी तरह गौण खनिज के मामलों में 1833 कार्रवाईयां हुई है । इन सभी कार्रवाइयों का नतीजा यह निकला है कि, मध्यप्रदेश शासन को 30 करोड़ 70 लाख राजस्व के रूप में प्राप्त हुए हैं । आंकड़े बताते हैं कि बीते वर्षों में रेत से वार्षिक राजस्व 223 करोड़ प्रति वर्ष शासन को प्राप्त होता था लेकिन कमलनाथ की नई रेत नीति से अब सालाना 1234 करोड़ रुपए प्राप्त हो सकते हैं । इसी तरह मादक पदार्थों के माफिया राज से निपटने के लिए बड़ी कार्रवाईया प्रदेश में हुई है जिसमें हजारों किलोग्राम मादक पदार्थ माफियाओं से जप्त किए गए हैं । वहीं भू माफियाओं से सहकारी भूमि वापस ली गई है जिसमें अकेले भोपाल जिले से 53.40 एकड़ शासकीय भूमि और ग्वालियर से 139 बीघा शासकीय भूमि जो कि लगभग 500 करोड़ से भी ज्यादा की है जिसे मुक्त कराया गया है इस समूचे मध्य प्रदेश में लगभग 1500 करोड़ की शासकीय भूमि माफियाओं से मुक्त कराई गई है निश्चित ही कमलनाथ सरकार कि यह कार्रवाईयां बताती है की कमलनाथ कभी नायक तो कभी सिंघम और कभी दबंग की भूमिका निभाते हुए प्रदेश की जनता को एक स्वच्छ सुलभ और राहत का प्रदेश देने का प्रयास कर रहे हैं।
सेंट्रल डेस्क से जाहिद खान की खास रिपोर्ट