आज लालकृष्ण आडवाणी का जन्मदिन है। वो 94 साल के हो गए हैं। आडवाणी लंबे समय से राजनीति में हैं और बीजेपी को ऊंचाई तक पहुंचाने में उनकी बड़ी भूमिका रही
मुख्य बातें
-आज लालकृष्ण आडवाणी का 94वां जन्मदिन है
-आडवाणी बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं
-वह 2019 तक बीजेपी के सांसद रहे
स्टेड डेस्क- भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता, पूर्व उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी का आज 94वां जन्मदिन है। 8 नवंबर 1927 को कराची (अब पाकिस्तान) में जन्मे आडवाणी 2002 से 2004 तक देश के उप प्रधानमंत्री रहे। आडवाणी भारतीय जनता पार्टी के सह-संस्थापक और वरिष्ठ नेता हैं। वह लंबे समय से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सदस्य हैं। उन्होंने 1998 से 2004 तक भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार में गृह मंत्री के रूप में कार्य किया। वह 10वीं लोकसभा और 14वीं लोकसभा में विपक्ष के नेता थे। वह 2009 के आम चुनावों में एनडीए के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे।
2015 में उन्हें भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। उनका परिवार विभाजन के दौरान भारत चला गया और बॉम्बे में बस गया, जहां उन्होंने बॉम्बे विश्वविद्यालय के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से कानून में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
आडवाणी ने फरवरी 1965 में कमला आडवाणी से शादी की। उनका एक बेटा जयंत और एक बेटी प्रतिभा है। उनकी पत्नी की मृत्यु 6 अप्रैल 2016 को हुई। 2014 लोकसभा चुनाव में वो आखिरी बार लड़े और 2019 तक सांसद रहे। आडवाणी 1941 में 14 साल के लड़के के रूप में आरएसएस में शामिल हो गए। वह कराची शाखा के प्रचारक (पूर्णकालिक कार्यकर्ता) बन गए और वहां कई शाखाएं विकसित कीं।
बाद में आडवाणी भारतीय जन संघके सदस्य बन गए, जिसे जनसंघ के रूप में भी जाना जाता है, ये 1951 में आरएसएस के सहयोग से श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा स्थापित एक राजनीतिक दल था। इंदिरा गांधी के आपातकाल के बाद जनसंघ और कई अन्य विपक्षी दलों का जनता पार्टी में विलय हो गया। आडवाणी और उनके सहयोगी अटल बिहारी वाजपेयी ने जनता पार्टी के सदस्य के रूप में 1977 का लोकसभा चुनाव लड़ा। बाद में जनसंघ के पूर्व सदस्यों ने जनता पार्टी छोड़ दी और नई भारतीय जनता पार्टी का गठन किया। आडवाणी नवगठित भाजपा के एक प्रमुख नेता बन गए।
वह 1986 से 1991 तक 1993 से 1998 तक और फिर 2004-2005 में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। आडवाणी के नेतृत्व में बीजेपी राम जन्मभूमि को लेकर अयोध्या विवाद का राजनीतिक चेहरा बनी। भाजपा की लोकप्रियता को बढ़ावा देने और हिंदुत्व विचारधारा को एकजुट करने के लिए आडवाणी ने 1987 में देश भर में रथ यात्राएं या जुलूस आयोजित किए। आडवाणी ने अपनी पहली रथ यात्रा 25 सितंबर 1990 को गुजरात के सोमनाथ से शुरू की और अंत में 30 अक्टूबर 1990 को अयोध्या पहुंचे।
आज लाल कृष्णा अडवाणी के जन्मदिन के अवसर पर कई नेताओ ने अपने सोशल मीडिया हैंडल कू पर उन्हें बधाई दी ..