सेंट्रल डेस्क- मध्यप्रदेश में जब से कमलनाथ सरकार सत्ता में आई है तब से कई महत्वपूर्ण निर्णय और विकास की गाथाएं लिखी जा रही है। लगातार मध्य प्रदेश विकासशील प्रदेशों की श्रेणी में पहुंचने उत्तरोत्तर बढ़ रहा है हालांकि इस श्रंखला में कई बड़े निर्णय आते हैं जो कमलनाथ सरकार ने अपने कार्यकाल में लिए हैं, किंतु आज हम संविदा कर्मचारियों की बात कर रहे हैं जिसके तहत कमलनाथ सरकार ने ना केवल हटाए गए संविदा कर्मचारियों को दोबारा उच्च जीवन जीने का अवसर प्रदान किया है साथ ही उन्होंने कृषि विभाग के संविदा कर्मचारियों का मानदेय भी बढ़ा दिया है ।
यह बात किसी से छिपी नहीं है कि कमलनाथ की दूरगामी सोच और विकास रथ को मजबूती प्रदान करने की सोच अपने आप में अविरल है। उन्होंने इस निर्णय से किसानों को और भी बेहतर सुविधा प्रदान करने की मंशा जाहिर की है ताकि संविदा कर्मचारी पूरी तत्परता से किसानों की समस्याओं और उनके हितों के लिए कर्मठता से शासकीय कार्य को अंजाम दे सकें।
कमलनाथ सरकार का यह बड़ा फैसला है कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के निष्कासित 648 संविदा कर्मचारियों को वापिस सेवा में रखा जाएगा। पूर्व में वॉटर शेड मिशन में कार्यरत संविदा कर्मियों को निष्काशित किया गया था। जिनके लिए यह राहत भरी ख़बर है। हाई पॉवर कार्य परिषद ने नौकरी में वापसी को मंजूरी दे दी है। गौरतलब हो कि शासन के सीएस एसआर मोहंती इस कार्य परिषद के अध्यक्ष हैं।
इधर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कृषि विभाग के संविदा कर्मचारियों को भी एक बड़ी सौगात दी है उपरोक्त निर्णय के साथ ही इस विभाग के कर्मचारियों की मानदेय वृद्धि की गई है। जिसके तहत ब्लॉक टेक्नोलॉजी मैनेजर का मानदेय 25000 की जगह ₹30000 कर दिया गया है वही सहायक ब्लॉक टेक्नोलॉजी मैनेजर का मानदेय ₹15000 से बढ़ाकर ₹25000 कर दिया गया है कमलनाथ सरकार ने कृषि विभाग के लेखापाल का मानदेय भी बढ़ाया है जिसके तहत 12984 रुपए के बदले अब ₹22250 मानदेय भुगतान होगा।
ज़ाहिद खान, एडिटर इन चीफ़
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