स्टेट डेस्क/छिंदवाड़ा – ईएलसी चर्च समिति लगातार विवादों में घिरी हुई है, और ये कोई विवाद मनगढ़ंत या हवा हवाई में लगे आरोपों से नहीं, बल्कि तथ्यों के साथ उठाई जाने वाली आवाज के बाद शुरू हो रहे हैं। लगातार ईएलसी समिति की शिकायतें हो रही हैं। लेकिन समिति को अब तक हिलाया नहीं जा सका है..? मगर बुजुर्गों की कहावत है कि- “सत्य परेशान हो सकता है मगर पराजित नहीं” इंसाफ की लड़ाई लड़ने वालों को, आज नहीं तो कल इसमें कामयाबी जरूर हासिल होगी…। लेकिन इस खबर में जो पहलू हम आपके सामने रख रहे हैं उसे जानकर आप भी अचंभित हो जाएंगे। क्योंकि चर्च समिति द्वारा शासन से प्राप्त लीज की जमीनों का जिस तरीके से बंदर बांट किया गया है वह देखकर और सुनकर हर कोई अचंभित है…!
दरअसल छिंदवाड़ा प्रेस क्लब भवन में एक पत्रकार वार्ता आयोजित हुई। छिंदवाड़ा की संस्था इवेजिलिकल लूथरन चर्च (ELC ) के आजीवन सदस्य सलिल लारेंस सहित अन्य ने संस्था के पदाधिकारियों खास तौर पर अशोक चौकसे पर आर्थिक गड़बड़ी के गम्भीर आरोप लगाए। प्रेस क्लब भवन में हुई पत्रकार वार्ता में सदस्यों ने कहा कि संस्था की बेशकीमती जमीनें बेची जा रहीं हैं और पूरा पैसा हड़पा जा रहा है। बैतूल में गलत तरीक़े से संस्था की जमीन बेची गई, इस मामले में कुछ लोगों पर एफआईआर भी दर्ज की गई है।
गौरतलब हो कि सलिल लॉरेंस ने इस पूरे मामले को माननीय उच्च न्यायालय तक ले जाने का काम किया है। उन्होंने छिंदवाड़ा ईएलसी समिति के द्वारा किए गए भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ जबलपुर हाईकोर्ट में पिटीशन दायर किया है और इन्हीं मुद्दों को लेकर आज उन्होंने पत्रकार वार्ता आयोजित कर ईएलसी समिति के पदाधिकारियों पर आरोप लगाते हुए बताया कि इन पदाधिकारी द्वारा ईएलसी चर्च की लीज की भूमियों का बंदर बांट कर दिया है। उन्होंने बताया कि धार्मिक और शैक्षणिक एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने के लिए शासन से मिली लीज की भूमि को कौड़ियों के दाम बेचा गया है। जबकि लीज की भूमि को बेचा नहीं जा सकता। उन्होंने बताया कि जिस उद्देश्य के लिए शासन से यह भूमि प्रदान की गई है उसके विपरीत भूमि को बेचकर व्यवसाय कारण किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि ईएलसी समिति के अशोक चौकसे के द्वारा लगातार इस तरह के कृत्य को अंजाम दिया जा रहा है। उनके साथ चर्च के विसब सहित अन्य समिति के पदाधिकारी इस भ्रष्टाचार में शामिल हैं। जिसको लेकर उन्होंने रिट पिटीशन दायर किया है। सलिल लॉरेंस ने बताया कि EOW की जांच में ये तथ्य सामने आए हैं कि समिति के सदस्यों की सदस्यता भी अवैधानिक है, समिति द्वारा सदस्यता पंजी का संधारण पंजीयन नहीं किया गया है, समिति का प्रथक से बायलॉज बना दिया गया है, उन्होंने बताया कि जांच में पाया गया है कि समिति की कार्यकारिणी का गठन अवैधानिक है और संविधान के विरुद्ध सचिव एवं मुख्य कोषाध्यक्ष का निर्वाचन और नियुक्ति भी अवैधानिक है, सलिल लॉरेंस ने बताया कि अशोक चौकसे जो कि मुख्य कोषाध्यक्ष और अध्यक्ष के रूप में एक ही सदस्य नियुक्त रहा जो अवैधानिक है।
सलिल लॉरेंस ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि लगातार अशोक चौकसे और अन्य समिति के पदाधिकारी द्वारा करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया गया है। उन्होंने बताया कि बैतूल जिले में भी इनके द्वारा बड़ा भ्रष्टाचार किया गया है जिसकी ईओडब्ल्यू में शिकायत और जांच के बाद एफआईआर दर्ज हुई है।
बैतूल में दर्ज हुई FIR…
बैतूल में भी गलत तरीक़े से संस्था की जमीन बेची गई, इस मामले में कुछ लोगों पर एफआईआर भी दर्ज की गई है, जिसमें सुरेंद्र कुमार सुक्का, अनिल मार्टिन, ब्रजेश नितिन, अशोक चौकसे, एसपी दिलराज, मुकेश चितरंजन, पुलकित मालवीय व अन्य शामिल हैं। जिनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जा चुकी है।
अशोक चौकसे की शिक्षा पर सवाल…
श्री लारेंस ने आरोप लगाया कि धार्मिक कार्य करने की जगह अब ईएलसी संस्था उन जमीनों को बेच रही है, जो सरकार से धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए मिली है। उन्होंने अशोक चौकसे पर आरोप लगाते हुए कहा कि अवैध तरीके से वे संस्था के मुख्य ट्रेजरार बने हुए हैं जबकि उनकी शैक्षणिक योग्यता नहीं है। साथ ही संस्था में चल रहे अवैधानिक कार्यों का लेखा-जोखा पेश करते हुए सलिल लारेंस ने बताया कि रजिस्टार की जांच में ईएलसी में की गई कई गड़बड़ियों को उजागर किया गया है।
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