स्टेट डेस्क – मध्यप्रदेश में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन को मॉडल इलेक्ट्रिक सिटी के रूप में डेवलप किया जाएगा। यहां ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों के चलाने पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए ई-व्हीकल में रजिस्ट्रेशन में 15 से लेकर 80 फीसदी तक की छूट दी जाएगी।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पहले मोहन कैबिनेट की मंगलवार को बैठक हुई। इसमें 7 पॉलिसीज को मंजूरी दी गई। इसमें इंटीग्रेटेड टॉउनशिप पॉलिसी भी शामिल है। इसके तहत किसान अगर मिकलंकर टाउनशिप डेवलप करना चाहते हैं तो सरकार उनकी मदद करेगी। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बैठक में जिन नीतियों को मंजूरी दी गई, उसमें इंटीग्रेटेड टाउनशिप पॉलिसी के अलावा एमएसएमई, ईवी, स्टार्टअप, विमानन, नवीकरणीय ऊर्जा और अविकसित भूमि आवंटन नीति शामिल है। इससे पहले पिछले मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में 7 नीतियों और 10 उप नीतियों को मंजूरी दी जा चुकी है। सभी नीतियां और उप नीतियां 24-25 फरवरी को होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए रखी जाएंगी।

एमपी इलेक्ट्रिक वाहन नीति…
वाहनों के चार्जिंग स्टेशन बनाने सब्सिडी दी जाएगी। पेट्रोल पम्प पर ही चार्जिंग स्टेशन बनाने की अनुमति दी जाएगी। दो साल के भीतर प्रदेश के सभी सरकारी वाहन को ईवी में कन्वर्ट किया जाएगा। इस अवधि में 80 फीसदी वाहन ईवी में बदले जाएंगे। मॉडल इलेक्ट्रिक व्हीकल सिटी के रूप में पांच शहरों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन को डेवलप किया जाएगा। यहां ई-व्हीकल के रजिस्ट्रेशन में दो पहिया वाहन में 40, कॉमर्शियल 100, तिपहिया वाहन के लिए 80, चार पहिया के लिए 15 प्रतिशत और इलेक्ट्रिक बस के लिए, 40 फीसदी छूट दी जाएगी। कम से कम 20 किमी पर एक चार्जिंग स्टेशन होगे। राजमार्ग पर हर 100 किमी दूरी पर कम से कम एक फास्ट चार्जिंग स्टेशन हो। पांच साल तक के लिए यह पालिसी लागू रहेगी।

इंटीग्रेटेड टाउनशिप नीति 2025…
अभी तक टाउनशिप काटने का काम बिल्डर, कॉलोनाइजर करते हैं। इस पालिसी में समूह यह काम कर सकता है। किसान अगर मिलकर एक एकड़ में टाउनशिप बनाना चाहते हैं तो सरकार इसमें सहयोग करेंगी। इसके जरिए इन्वेस्टमेंट लाने और नियोजित विकास को बढ़ावा देंगे। किफायती आवास बनाने वालों को अलग से सब्सिडी देंगे। लैंड पुलिंग के माध्यम से सार्वजनिक और निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करेंगे।

ताप्ती मेगा रिचार्ज परियोजना को मंजूरी…
कैबिनेट बैठक में ताप्ती मेगा रिचार्ज परियोजना को मंजूरी दे दी गई। यह परियोजना प्रदेश के जल संकट को कम करने के उद्देश्य से अहम कदम साबित होगी। इस परियोजना के तहत 273 किलोमीटर लंबी नहर का निर्माण किया जाएगा, जिससे 11.76 मिलियन क्यूबिक मीटर जल से भूमिगत जल को रिचार्ज किया जाएगा।

KBP NEWS.IN

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