स्टेट डेस्क/छिन्दवाड़ा- पूरे देश और दुनिया में रमजान शरीफ के पाक महीने में रोज़ा रखा जा रहा है। 1 महीने के विशेष इबादत के बीच रोजे का खास महत्व होता है। इस्लाम में रोज़े फर्ज किए गए है, अब ऐसे में बड़े उम्र के लोगों को रोजा रखना फर्ज है तो वही रोज़े के फैजान से मालामाल होने के लिए नन्हे रोजेदारों की फेहरिस्त भी बड़ी हो गई है। ऐसे में छिंदवाड़ा में नन्हे रोजगारों का रिकॉर्ड बन गया है। यहां दो नन्हे सैयदो ने रोजा रखकर रिकॉर्ड कायम किया है। जिसमें एक नन्हे बच्चे की उम्र लगभग 3 साल और दूसरे बच्चे की उम्र लगभग 8 साल की है। जिन्होंने रोजा रखा है।1
रमजान शरीफ के महीने में 1 महीने के रोज़े के बाद ईद मनाई जाती है और इस ईद का लुत्फ़ तब आता है जब बांदा रोजे रखे और तलवा और परहेज़गारी से रमजान के महीने को बिताए। रमजान के फैजान से मालामाल होने के लिए तरह-तरह के नेक कामों में भाग लिया जा रहा है। जिसमें ज्यादातर लोग रोजेदारों को रोजा इफ्तार और खाना खिलाने का काम कर रहे हैं। रमजान के फैजान से मालामाल होने के लिए बड़े तो बड़े- नन्हे बच्चे भी पीछे नहीं है। छिंदवाड़ा के अली नगर निवासी 3 वर्षीय से सैयद मीरान अली और 8 वर्षीय सैयद माहिन अली ने अपनी जिंदगी का पहला रोज़ा रखा, और इसके साथ ही छिंदवाड़ा में नन्हे बच्चों के रोज़ा रखने की फेहरिस्त में सबसे कम उम्र के बच्चे का रिकॉर्ड दर्ज हुआ है।
निश्चित रूप से रमजान की बरकतें और उत्साह नन्हे बच्चों में ज्यादा होता है। यही वजह है कि बच्चे रोजा नमाज और अन्य कामों में शामिल होकर रमजान के फैजान से मालामाल हो रहे हैं। दोनों मासूम सैयदो की जिंदगी के पहला रोज़ा होने पर, उन्हें परिवार जनों और अन्य लोगों द्वारा भरपूर मुबारकबाद और ईनाम से नवाजा गया।
KBP NEWS.IN
…जाहिद खान
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