स्टेड डेस्क/छिंदवाड़ा- अपने बयानों को लेकर हमेशा से ही विवादों में रहने वाली भोपाल की सांसद सुश्री प्रज्ञा ठाकुर एक बार फिर विवाद में आ गईं हैं, इस बार उन्हें अनुसूचित जाति जनजाति समाज के लोगों को अपमानित करने के आरोप में घेरा गया है, जिसको लेकर उनकी लोकसभा सदस्यता समाप्त करने की मांग महामहिम राष्ट्रपति से की गई है इस आशय का ज्ञापन आज छिंदवाड़ा में सौंपा गया है…

जिला कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के जिला कार्यवाहक अध्यक्ष प्रकाश मेहरोलिया एवं अन्य के द्वारा कलेक्टर के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति के नाम सौपे गए ज्ञापन में भोपाल सांसद सुश्री प्रज्ञा ठाकुर पर आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने असंवैधानिक बयान देकर पूरे 1 वर्ग को अपमानित करने का काम किया है. उनका यह कृत्य भारत के संविधान में अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग को प्रदत संरक्षण का अधिकार तथा सामाजिक समरसता के विपरीत है. उन्होंने कहा कि सुश्री ठाकुर ने लोकसभा में शपथ ली थी कि, मैं भारत के संविधान को अकक्षुड रखूंगी एवं किसी से राग द्वेष नहीं रखूंगी… जिला कार्यवाहक अध्यक्ष ने कहा कि गत 13 दिसंबर 2020 को एक कार्यक्रम में अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के बारे में अपमानित टिप्पणी और आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है जो कि उनकी मानसिकता का परिचायक है. भारतीय संविधान में प्रदत्त अधिकारों कर्तव्यों के साथ-साथ सामाजिक समरसता के विपरीत कार्य करने पर संसद सदस्य के बयान से स्पष्ट है कि उनका विश्वास देश के संविधान पर नहीं है और उन्होंने जानबूझकर ऐसा बोला है. ज्ञापन के माध्यम से यह मांग की गई है कि संवैधानिक शपथ का उल्लंघन कर देश की सामाजिक समरसता बिगाड़ने पर सुश्री प्रज्ञा ठाकुर की लोकसभा सदस्यता को समाप्त किया जाए…।

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