नेशनल डेस्क- अब शासकीय कर्मचारियों को दिन में 12 घंटे काम करना पड़ेगा, लेकिन इस दौरान हर 5 घंटे में आधा घंटे का ब्रेक भी दिया जाएगा. 1 अप्रैल से आपकी ग्रेच्युटी, पीएफ और काम के घंटों में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. कर्मचारियों को ग्रेच्युटी और भविष्य निधि मद में बढ़ोतरी होगी. इसके साथ ही हाथ में आने वाला पैसा घटेगा. इसकी वजह है पिछले साल संसद में पास किए गए तीन मजदूरी संहिता विधेयक. इन विधेयकों के इस साल 1 अप्रैल से लागू होने की संभावना है.
मजदूरी की नई परिभाषा के तहत भत्ते कुल सैलेरी के अधिकतम 50 फीसदी होंगे. इसका मतलब है कि मूल वेतन अप्रैल से कुल वेतन का 50 फीसदी या अधिक होना चाहिए. गौर हो कि देश के सात दशक के इतिहास में पहली बार इस प्रकार से श्रम कानून में बदलाव किए जा रहे हैं. सरकार का दावा है कि नियोक्ता और श्रमिक दोनों के लिए फायदेमंद साबित होंगे.
घटेगा वेतन और बढ़ेगा पीएफ …
ड्राफ्ट के अनुसार, मूल वेतन कुल वेतन का 50% या अधिक होना चाहिए. इससे ज्यादातर कर्मचारियों की वेतन संरचना बदलेगी, क्योंकि वेतन का गैर-भत्ते वाला हिस्सा आमतौर पर कुल सैलेरी के 50 फीसदी से कम होता है. वहीं कुल वेतन में भत्तों का हिस्सा और भी अधिक हो जाता है. मूल वेतन बढ़ने से आपका पीएफ भी बढ़ेगा. पीएफ मूल वेतन पर आधारित होता है. मूल वेतन बढ़ने से पीएफ बढ़ेगा, जिसका मतलब है कि टेक-होम या हाथ में आने वाला वेतन में कटौती होगी.?
रिटायरमेंट फंड में इजाफा…
ग्रेच्युटी और पीएफ में योगदान बढ़ने से रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली राशि में इजाफा होगा. इससे लोगों को रिटायरमेंट के बाद सुखद जीवन जीने में आसानी होगी. उच्च-भुगतान वाले अधिकारियों के वेतन संरचना में सबसे अधिक बदलाव आएगा और इसके चलते वो ही सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे. पीएफ और ग्रेच्युटी बढ़ने से कंपनियों की लागत में भी वृद्धि होगी. क्योंकि उन्हें भी कर्मचारियों के लिए पीएफ में ज्यादा योगदान देना पड़ेगा. इन चीजों से कंपनियों की बैलेंस शीट भी प्रभावित होगी.
वर्क टाईम 12 घंटे करने का प्रस्ताव…
नए ड्राफ्ट कानून में कामकाज के अधिकतम घंटों को बढ़ाकर 12 करने का प्रस्ताव पेश किया है. ओएसएच कोड के ड्राफ्ट नियमों में 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त कामकाज को भी 30 मिनट गिनकर ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान है. मौजूदा नियम में 30 मिनट से कम समय को ओवरटाइम योग्य नहीं माना जाता है. ड्राफ्ट नियमों में किसी भी कर्मचारी से 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम कराने को प्रतिबंधित किया गया है. कर्मचारियों को हर पांच घंटे के बाद आधा घंटे का विश्राम देने के निर्देश भी ड्राफ्ट नियमों में शामिल हैं.
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