मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में क्रिश्चियन समाज की कब्रिस्तान मद की भूमि इन दिनों प्रदेश के कई महानगरों में भी चर्चा का विषय बनी हुई है। अब आप सोच रहे होंगे कि छिंदवाड़ा में जमीन है और चर्चा प्रदेश के महानगरों में क्यों हैं..? तो चौंकिए मत, दरअसल इस भूमि पर जिन माफियाओं की काली नजर गिद्ध के समान लगी हुई है वह मुख्य गिद्ध प्रदेश के अन्य दो महानगरों में रहते हैं..? और उनके पैदा किए हुए छुटभैया गिद्ध छिंदवाड़ा में रहकर इस सामाजिक भूमि को माफियाओं के लिए परोसने के प्रयास कर रहे हैं। हालांकि यह प्रयास शासन स्तर के हस्तक्षेप के बाद ही कुछ सफल हो पाएंगे..? लेकिन सूत्रों की माने तो भू माफिया, भूखे भेड़ियों की तरह समाज के ही कुछ लोगों को अपना हथियार बनाकर मंसूबे पूरे करने के प्रयास में हैं। इन छुट भैया गिद्धों के आका ने एक अधिकारी को भी इस मामले को जल्द निपटाने के लिए फटकार लगाई है..? चर्चा है कि गिध्दों के आका ने अधिकारी को फटकारते हुए कहा कि तुमसे इतना भी नहीं हो पाया…? अब कितना नहीं हो पाया यह तो बेचारा वह अधिकारी और गिद्धों के आका ही जानते हैं..? लेकिन इन सबके बीच नगर निगम कमिश्नर का रवैया संदेहास्पद हो गया है। उन्होंने पहले इस भूमि पर फेंसिंग को लेकर पत्र व्यवहार कर लिया है, लेकिन मीडिया के सामने वह अपने आप को अनजान बताते रहे, उन्होंने स्पष्ट कहा कि हम और sdm, सिर्फ नजूल भूमि के असल मालिकाना हक की जांच कर रहे हैं…? सवाल यह उठता है कि क्या नजूल भूमि के मालिकाना हक की जांच नगर निगम कर सकता है..? वहीं दूसरी ओर SDM ने दूरभाष पर स्पष्ट कहा कि क्रिस्चियन कब्रिस्तान की जमीन को लेकर हमने ना ही किसी व्यक्ति और ना ही किसी अधिकारी को पत्र व्यवहार किया है..? न ही कोई जांच हो रही है…? तो साफ होता है कि साहब कुछ तो राजदारी है- कुछ तो परदादारी….!

स्टेड डेस्क – छिंदवाड़ा के केलेक्ट्रेट आफिस के सामने स्थित फुटकर दुकानदारों में उस समय हलचल मच गई जब अचानक से दुकानदारों को अपनी दुकाने खाली करने का मौखिक आदेश नगरनिगम के एक कर्मचारी द्वारा दिया गया । अनलॉक के बाद जैसे तैसे जनजीवन पटरी पर आ रही है रोज़ कमाकर रोज़ खाने वाले अपनी रोज़ी रोटी के इंतेज़ाम की जद्दो जेहद में हैं उस बीच दुकान खाली करने की सूचना कितना परेशान करेगी इसका अंदाज़ा लगाया जा सकता है ।

     फुटकर दुकानदारों ने बताया के नगरनिगम के एक कर्मचारी ने आकर कहा के नगरनिगम के एक बड़े अधिकारी ने दुकाने हटाने की खबर भेजी है कल तक सब दुकान खाली कर देना। जिसके बाद दुकानदारों में भारी आक्रोश है। निगम कमिश्नर हिमांशु सिंह से जब पूछा गया तो वे सारे मामले पर गोल मोल जवाब देते नजर आए। साथ ही निगम कमिश्नर ने कहा के हम ज़मीन का मालिकाना हक़ किसका है ये जानना चाहते हैं? निगम कमिश्नर से जब पूछा गया कि, क्या नजूल की ज़मीन को निगम द्वारा चेक किया जा सकता है तो फिर राजस्व अधिकारी का नाम लेने लगे । लेकिन निगम ने एक आवेदक अरुण प्रताप सिंह को उक्त ज़मीन पर फेंसिंग करने की NOC प्रदान कर दी है?

 दरअसल छिंदवाड़ा के केलेक्ट्रेट के सामने अंग्रेज़ो के ज़माने से ईसाई समाज का कब्रस्तान है जिसकी हद में आने वाली करोड़ो की ज़मीन खाली पड़ी है और ज़मीन के बाहरी हिस्से में कुछ चाय नाश्ते की होटलें और पान के ठेले स्थित हैं । इस जमीन पर लंबे समय से भू-माफिया भी अपनी नज़र जमाए हुए है और ज़मीन हतियाने के प्रपंच में लगे रहते है । वहीं ज़मीन की देख रेख ईसाई समाज का एक परिवार करता है जिसके सदस्य राजू टाइटस ने इस जमीन को किस तरह हतियाने के प्रयास किए जा रहे हैं ये भी बताया । उन्होंने बताया कि उक्त कब्रिस्तान की भूमि से संबंधित लीज एवं अन्य दस्तावेज उनके पास है यह अचानक जो प्रशासन और नगर निगम अलर्ट हुआ है उसके विषय में उन्हें किसी किस्म का कोई नोटिस ना तो नगर निगम ने दिया है ना ही नजूल अधिकारी ने? 

लेटर दे कर भूल जाते हैं कमिश्नर..!

निगम ने उक्त भूमि के एक अन्य दावेदार अरुण प्रताप सिंह के आवेदन पर को विवादित भूमि पर फेंसिंग करने की NOC प्रदान कर दी है.? लेकिन जब मीडिया ने निगम कमिश्नर से इस संबंध में पूछा तो उन्होंने स्पष्ट इंकार करते हुए कहा कि हमने किसी को नोटिस या लेटर नहीं दिया है…?

बहरहाल इस मामले में कई दांव पेंच की तैयारी चल रही है सूत्रों के मुताबिक आगामी समय मे इस भूमि को लेकर नये नये हथकंडे अपनाए जा सकते है। हम आपको इस मामले की लगातार अपडेट देते रहेंगे।

Note:- अगली ख़बर में हम आपको बताएंगे, इस भूमि को लेकर होने वाली जद्दोजहद के पीछे का असली चेहरा…?

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