स्टेड डेस्क- राजनीतिक गढ़ छिंदवाड़ा में विपक्ष में बैठी भाजपा के कार्यकर्ताओं में एक बार फिर आक्रोश दिखाई दे रहा है। देश और प्रदेश में सत्ता पर काबिज़ भाजपा के कार्यकर्ताओं को भ्रष्टाचार से निपटने के लिए अब छिंदवाड़ा से लेकर भोपाल स्थित cm निवास तक पद यात्रा जैसा आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ रहा है, वो भी एक छोटी सी नगर पालिका के cmo के खिलाफ…? उक्त cmo के विरुद्ध भाजपा के नेताओं ने कई शिकायत दे चुके हैं मगर कार्रवाई नगण्य है। नतीजा यह निकला कि अब भाजपा के लोग आंदोलन की राह चलते हुए सीधे सूबे के मुखिया से कार्रवाई की मांग करेंगे…
दरअसल पूरा मामला छिंदवाड़ा जिले की नगर परिषद चांदामेटा बुटरिया के मुख्य नगरपालिका अधिकारी आर के शर्मा की शिकायत से जुड़ा हुआ है। जिन पर क्षेत्र के भाजपा नगर अध्यक्ष अंशुल वर्मा, पूर्व मंडल अध्यक्ष शहरी सज्जू तिवारी, पूर्व पार्षद एवं वर्तमान शहरी मंडल उपाध्यक्ष परासिया राम प्रसाद साहू, पूर्व मंडल उपाध्यक्ष शहरी प्रदीप सोनी, पूर्व प्रदेश कार्यसमिति सदस्य मोहन बेलवंशी, पूर्व नगर भाजपा अध्यक्ष शिव यादव एवं पूर्व नगर अध्यक्ष भाजपा दिलीप ठाकुर ने छिंदवाड़ा कलेक्टर को इस संदर्भ में शिकायत करते हुए बताया कि मुख्य नगरपालिका अधिकारी आर के शर्मा के द्वारा नगर परिषद में कई भ्रष्टाचार किए गए हैं..? जिनकी 3 शिकायत होने के बाद भी, आज तक जांच नहीं की गई है। भाजपा के नेता गणों ने सीएमओ पर आरोप लगाते हुए बताया कि गत वर्ष 1 जुलाई 2020, 15 जून 2021 एवं 24 जून 2021 को भारतीय जनता पार्टी के जनप्रतिनिधियों द्वारा सीएमओ के भारी भ्रष्टाचार के संबंध में शिकायत की गई थी।
जिस पर वर्तमान में परासिया अनुविभागीय दंडाधिकारी उक्त नगर परिषद में प्रशासक के रूप में पदस्थ हैं उन्होंने 7 दिन में जांच करने का मौखिक आश्वासन दिया था। लेकिन आज 29 जून 2021 तक जांच लंबित है। जिसको देखते हुए यह स्पष्ट होता है कि भ्रष्टाचार और अनियमितता में अनुविभागीय दंडाधिकारी की रुचि जांच को लेकर नहीं है जिसके चलते वे हीला हवाली कर रहे हैं…?
भाजपा के उक्त सभी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने आज कलेक्टर को ज्ञापन देते हुए सूचित कराया कि जांच में हीला हवाली और भ्रष्टाचार में बढ़ावा दिए जाने के चलते, अब हम मजबूर होकर 2 जुलाई 2021 को सुबह 11:00 बजे चांदामेटा सिंह वाहिनी चौक से मुख्यमंत्री निवास भोपाल हेतु पदयात्रा करेंगे। जिसमें किसी भी किस्म की अनहोनी या दुर्घटना होने पर समस्त जवाबदारी जिला प्रशासन की होगी...!
बाहरहाल भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की जांच शासन और जनहित में होना ही चाहिए, यह जरूरी भी है। लेकिन आला अधिकारियों का भ्रष्टाचार के प्रति इस तरह लापरवाह रवैया होना भी चिंताजनक है...? यह मसला और भी गंभीर तब हो जाता है जबकि देश और प्रदेश में सत्ता पर बैठी भाजपा के कार्यकर्ता और नेता भ्रष्टाचार की शिकायत कर रहे हो और उनकी भी सुनवाई ना हो रही हो..? इन हालातों को देखते हुए प्रश्न तो खड़े होंगे ही। यदि सत्ताधारी दल के नेताओं की भी सुनवाई नहीं हो रही है तो ऐसे में आम नागरिकों की समस्याओं और शिकायतों का निराकरण का क्या हाल होगा..? अंदाज लगाया जा सकता है...
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