स्टेड डेस्क- मुख्यमंत्री मामा शिवराज सिंह चौहान की भांजियाँ इन दिनों खासी दिक्कतों का सामना कर रही हैं… संक्रमण में भी जान जोखिम में डालकर सेवाएं देने वाली मामा की भांजियाँ आवेदन निवेदन करते करते थक चुकी हैं और अब मजबूर होकर आंदोलन की राह पर हैं कोरोना योद्धा की कथित उपाधि देने वाली सरकार से खासी नाराज़ हैं…
हम बात कर रहे हैं नर्सिंग स्टाफ एसोसिएशन की, जिन्होंने लगातार कोरोना काल में जान जोखिम में डालकर सेवाएं दी और इस संक्रमण में सरकार को राहत भरी सहायता भी प्रदान किया है… लेकिन सरकार अब उनके साथ गैरों का रवैया अपना रही है..! यह वह स्टाफ है जिसने वैश्विक महामारी में पीड़ितों को स्वास्थ्य सेवाएं देते हुए अपनी जाने भी गवा दी हैं… लेकिन आज तक ना उन्हें सम्मान पूर्ण कोरोना योद्धा का दर्जा मिला- ना ही सेवा की गारंटी…?
ऐसे हालातों में जहां नर्सिंग एसोसिएशन ने 2 दिन पूर्व प्रदेश सरकार को चेतावनी दी थी कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी जाती है तो मजबूर होकर उन्हें आंदोलन का रास्ता इख्तियार करना पड़ेगा। मांगें पूरी न होने की सूरत में आज से नर्सिंग एसोसिएशन ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। ऐसे में चिंताजनक सवाल यह उठता है कि यदि नर्सिंग स्टाफ की नाराज़गी लंबे समय तक चली, और इस बीच में कोरोना की तीसरी लहर आ गई तो क्या होगा…?
आपको बताते है क्या है नर्सिंग एसोसिएशन की मांगे:- दरअसल इस प्रदेशव्यापी हड़ताल के पीछे नर्सिंग स्टाफ की कुछ विशेष मांगें हैं जिसमे मुख्य रूप से कोरोना काल मे सेवाएं देने वाली नर्सों को सासम्मान कोरोना योद्धा का दर्जा देते हुए, आगामी 15 अगस्त को सम्मानित किया जाए। जिन नर्सों की कोविड ड्यूटी के दौरान मृत्यु हुई, उनके परिवार के सदस्यों को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।
नर्सिंग भर्ती, दो माह का वेतन बोनस, 2004 के बाद नियुक्त नर्स स्टाफ को पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए, कोरोना योद्धा सम्मान निधि, 2018 के भर्ती नियम में संशोधन, प्रतिनियुक्ति समाप्त कर स्थानांतरण प्रक्रिया शुरू हो, सरकारी अस्पताल मेडिकल कॉलेज में सेवाएं दे रही नर्सों को उच्च शिक्षा हेतु आयु सीमा समाप्त की जाए, कोरोना काल मे अस्थायी सेवाओं में रहीं नर्सों को नियमित किया जाए, ऐसी अन्य 12 मांगों का पत्र सौंपा है…
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