स्टेड डेस्क- मध्य प्रदेश मैं आज का दिन नारी शक्ति का भीख मांगने वाला दिन साबित हुआ है..? स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत आशा ऊषा एवं सहयोगी कार्यकर्ताओं द्वारा आज भीख मांगने का आंदोलन किया गया. जिसमें पैसा एकत्रित कर उस पैसे को मध्यप्रदेश शासन की मदद के लिए वे लोग अपने भैया सीएम शिवराज सिंह चौहान को भेजेंगी. दरअसल विरोध का अनोखा आंदोलन लंबे समय से लंबित पड़े 6 सूत्री मांगों को लेकर किया जा रहा है. जिसमें आशा उषा सहयोगी कार्यकर्ताओं का मानना है कि हमारे भैया सीएम शिवराज के पास हमें देने को पैसा नहीं है इसलिए अब हम उन्हें भीख मांग कर उनकी मदद के लिए पैसा पहुंचाएंगे..? इसी मंशा के तहत छिंदवाड़ा सहित प्रदेश के अन्य जिलों में आशा उषा कार्यकर्ताओं ने भीख मांगो आंदोलन किया है जिसमें उन्होंने जनता पुलिस एवं अधिकारियों से भी भीख मांगा है….
छिंदवाड़ा- सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान- न केवल मध्य प्रदेश बल्कि पूरे देश में मामा शिवराज सिंह चौहान के नाम से जाने जाते हैं… और उनकी पदवी(मामा) की वजह से वे काफी लोकप्रिय भी हुए हैं. लेकिन आज मामा की बहनों ने ही भाई के खिलाफ त्रस्त होकर मोर्चा खोल दिया है.
दरअसल आशा उषा और सहयोगी कार्यकर्ताओं द्वारा बीते लंबे समय से वेतन वृद्धि सहित अन्य 6 सूत्री मांगो का आवेदन निवेदन किया जाता रहा है लेकिन लगातार 45 दिनों से आंदोलन कर रहीं कार्यकर्ताओं की मांग की ओर शासन के तरफ से उन्हें कोई राहत नहीं दी जा रही थी, जिससे परेशान आशा उषा सहयोगी कार्यकर्ताओं ने आज गुलाबी गैंग के सहयोग से, लामबंद होकर अपने भैया सीएम शिवराज के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. महिलाओं के एक बड़े ग्रुप ने शहर में भीख मांगो आंदोलन किया. वे लोग भीख मांगते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां उन्होंने भीख में इकट्ठा हुआ पैसा और अपनी मांगों का ज्ञापन दिया. लेकिन अधिकारी ने ज्ञापन लिया मगर पैसा नहीं लिया.
आपको बता दें कि गुलाबी गैंग चीफ़ श्रीमती पूर्णिमा वर्मा के सहयोग से आशा ऊषा कार्यकर्ताओं ने भीख में 2215 रुपए, 2 आम, एक केला और ORS के पाउच सहित दो कुरकुरे के पैकेट सीएम शिवराज सिंह चौहान के नाम दिया था….
सी एम. के नाम पर भिखारी ने भी भीग दी…
गुलाबी गैंग चीफ़ श्रीमती पूर्णिमा वर्मा और आशा उषा कार्यकर्ताओं के इस अनोखे भीख मांगो आंदोलन मैं कई अचंभित दृश्य सामने आए. जिसमें से एक दृश्य कलेक्ट्रेट में देखने को मिला जब कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट में कुछ समय के लिए धरने पर बैठ गई थीं, तब अपने भैया सीएम शिवराज सिंह चौहान के लिए माइक पर भीख मांग रही थीं. यह सुनकर एक विकलांग भिक्छु ने भी आकर उन्हें भीख दी…
कांग्रेस भवन से नहीं मिली भीख..?
भीख मांगने वाले इस अनोखे आंदोलन में बड़ी चर्चा का विषय तो यह रहा कि आशा उषा कार्यकर्ता शहर में विभिन्न मार्गों से भीख मांगते हुए जब कांग्रेस भवन पहुंची तो उन्हें वहां किसी ने भी भीख नहीं दी..? गौर करने वाली बात यह है कि विपक्ष में बैठी कॉन्ग्रेस का यह रवैया उसकी विपक्ष की भूमिका पर भी प्रश्नचिन्ह लगाता है.? बाहरहाल भीख देना, या ना देना, स्वेच्छा का काम है…! अब कांग्रेस भवन से भीख ना मिलने के पीछे उनकी कुछ ना कुछ मजबूरी भी हो सकती है..? जो अज्ञात है. फिलहाल तो कांग्रेस भवन से खाली हाथ लौटने वाली आशा उषा कार्यकर्ताओं में इस बात को लेकर खासी चर्चा रही. कि विपक्ष में रहते हुए खुलकर समर्थन ना सहीं पर भीख तो दी जा सकती थी.?
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