स्टेट डेस्क/छिंदवाड़ा- वेकोलि कन्हान एरिया के महाप्रबन्धक की अफसर शाही के आगे प्रधानमन्त्री कार्यालय भी बौना साबित हो रहा है । वार्ड क्र. 17 वन परिक्षेत्र कार्यालय के सामने प्राचीन तीन नम्बर खदान का एक खतरनाक मोहरा है। जिसमे कभी भी कोई जनहानी हो सकती है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस मोहरे को पुरवाने हेतु वार्ड वासियो ने मिलकर प्रधानमन्त्री कार्यालय मे शिकायत प्रेषित की है। महाप्रबंधक कन्हान एरिया द्वारा इस शिकायत पर टाल मटोल करते हुए महिने बीता चुके है। महाप्रबन्धक एवं ए पी एम की मिलिभगत से प्रधानमन्त्री कार्यालय को गुमराह करते हुए फर्जी निराकरण दर्शाकर, दो बार शिकायत को यह कहकर बन्द करवा दिया गया कि इस तरह का कोई मोहरा कन्हान एरिया में ही नहीं है।
वार्डवासियो ने पुनः प्रधानमंत्री कार्यालय मे शिकायत की है एवं शिकायत क्रमांक PMOPG/E/2022/0013164 में उल्लेख किया गया है कि मोहरे को शीघ्र पुरवाया जाएं। शिकायत करने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। वही महाप्रबन्धक कन्हान एरिया मोहरे की पुराई न करने की जिद कर रहे है, और तर्क दे रहे है कि यदि मोहरा पुर दिया जाता है तो, वहां अतिक्रमण हो जायेगा...? महाप्रबन्धक एवं ए.पी.एम की जुगलबन्दी के चलते वार्डवासी परेशान है, और दोबारा प्रधानमन्त्री कार्यालय को आशाभरी नजरों से देख रहे है।
अफसर शाही का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रधानमन्त्री कार्यालय में शिकायत के उपरान्त भी महाप्रबंधक के सर में जू तक नही रेंग रही है। जबकि कन्हान एरिया का यह नैतिक दायित्व है कि वो चली हुई प्राचीन खदान का मोहरा बन्द करवाकर, वहां वृक्ष लगाए। मगर महाप्रबंधक द्वारा मनमर्जी करते हुए फेन्सिंग लगवाने की बात सामने आ रही है जो अनुचित है। क्योंकि फेसिंग लगवाने से खदान के मोहरे पर कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है या जहरीली गैस का रिसाव भी हो सकता है। पूर्व मे इसी प्रकार जुन्नारदेव से सटे ग्राम दातला के एक सूखे कुए से जहरीली गैस के रिसाव के कारण दो बालको की अकाल मृत्यु हो गई थी। ऐसी दुर्घटनाओं से बचने के लिए कोयला खदान के मोहरों को पूर्ण रूप से सील बंद किया जाना जरूरी है।
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