स्टेट डेस्क/छिंदवाड़ा – प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस शा० स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय छिंदवाड़ा में प्राचार्य डॉ लक्ष्मीचन्द व संयोजक डॉ . प्रतिभा श्रीवास्तव सहायक प्राध्यापक समाजशास्त्र मार्गदर्शन में गुरु पूर्णिमा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि – कुलगुरू डॉ लीला भलावी, पूर्व प्राचार्य डॉ . कुशुमलता गुप्ता, पूर्व प्राचार्य प्रो . ए० पी० शुक्ला, जनभागीदारी अध्यक्ष भरत घई सदस्य – गरीमा दामोदर , तरुण कुमार सोनी , अमिता बरैया द्वारा दीप प्रज्जवलन कर सरस्वती वंदना अतिथियों का स्वागत किया गया।

महविद्यालय के पूर्व तथा कार्यरत कुलगुरु तथा गुरुओं का समस्त विद्यार्थियों द्वारा सम्मान ‘ तत्पश्चात समस्त गुरुओं द्वारा उद्बोधन दिया गया । कुलगुरु डॉ लीला भलावी ने अपने उद्बोधन में कहा – जन्म देने वाली माँ के साथ मस्तिष्क को एक नया स्वरूप देने वाला व्यक्तित्व है गुरूi हमारे देश में गुरु परम्परा आदिकाल से बनी रही है। हम वैदिक परम्परा की ओर लौट रहे है। प्राचार्य डॉ लक्ष्मीचन्द स्वागत भाषण में संस्था का परिचय व शिक्षा का विजन बताते हुए कहा – “गुरु बनना एक यात्रा है जिसमें हम स्वयं को अनगिनत कलाओं से पारंगत करते हैं, साथ ही औरों के जीवन को संवारते हैं। यह एक समर्पित और समर्थनीय कार्य है जो हमें अनुभवों और ज्ञान से समृद्ध करता है।” भारतीय संस्कृति इतनी महान है कि गुरुचरणो में हमारा मस्तिष्क अनायास ही झुकता है। गुरू वह है जो शिष्य के हृदय के अंधकार का हरण करता है गुरू ही पूर्णिमा का प्रतीक है।

डॉ कुशुमलता गुप्ता ने – पृथ्वी की तरह ही मौन भाव में लीन गुरु शिष्य को हमेशा ज्ञान से सिंचित कर पूर्णता देता है। गुरु अग्नि सा तेज , वायु सा वेगवान , नीर सा पतला , भूमि सा गम्भीर आकाश सा व्यापक विराट गुणों से परिपूर्ण है। पूर्व प्राचार्य ए . पी० शुक्ला द्वारा -जीवन व गुरु के महत्व के साथ ही कहा गुरू वह हुनर है जो निराकार को आकार देता है। . जनभागीदारी अध्यक्ष भरत घई द्वारा – पुष्प वर्षा कर गुरुओ का सम्मान किया गया और एक पेड़ मॉ के नाम और एक पेड़ गुरु के नाम लगवाने की बात की ‘ तथा सभी गुरुओं को सम्मान देना ही हमारी एक्सीलेंसी होगी । 12 बजे से देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इन्दौर द्वारा प्रसारित आभाषी प्रसारण गुरुपूर्णिमा कार्यक्रम का सीधा प्रसारण मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री माननीय मोहन यादव जी की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ । इस अवसर पर भारतीय परम्परा में गुरुशिष्य संबंधों की महत्ता पर चर्चा , नैतिक शिक्षा और वर्तमान शिक्षा प्रणाली में उनकी भूमिका पर परिचर्चा की गई । मंच संचालन टीकमणि पटवारी सहायक प्राध्यापक , हिन्दी द्वारा प्रतिवेदक के रूप में डॉ सीमा सूर्यवंशी ( सहायक प्राध्यापक ( हिन्दी ) व प्रतिभा पहाड़े ( सहायक प्राध्यापक प्राणी विज्ञान ) तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ . प्रतिभा श्रीवास्तव समाजशास्त्र द्वारा किया गया और प्रथम दिवस का सफल समापन समस्त वरिष्ठ ‘ कनिष्ठ -प्राध्यापक ‘ सहायक प्राध्यापक एवं छात्र – छात्राओं की गरिमापूर्ण उपस्थिति में किया गया ।

KBP NEWS.IN
… जाहिद खान
9425391823

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