स्टेट डेस्क/छिंदवाड़ा- पैथोलाजी लैबों की लापरवाही तो हमेशा से चर्चा का विषय रही हैं, लेकिन जीविका पैथोलाजी लैब की लापरवाही से तो मरीज की जान पर बन आई। गनीमत रही कि डॉक्टर ने ब्लड का क्रॉस चैक करवा लिया।
महलपुर निवासी निरंजन गोनेकर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी छिंदवाड़ा को शिकायत करते हुए बताया कि मेरी पत्नी श्रीमती ज्योति गोनेकर को बच्चेदानी ऑपरेशन करवाने हेतु पांडे नर्सिंग होम छिंदवाड़ा में 22 अगस्त को एडमिट किया गया था। जहां डॉक्टर कुसुम लता पांडे के परामर्श अनुसार ब्लड जांच के लिए कहा गया। शिकायतकर्ता ने बताया कि मेरे द्वारा अस्पताल से सम्बद्ध जीविका पैथोलॉजी छिंदवाड़ा द्वारा जांच हेतु ब्लड सैंपल दिया गया। ब्लड रिपोर्ट में ब्लड ग्रुप ए बी पॉजिटिव रिजल्ट दिया गया।
रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर पांडे द्वारा ऑपरेशन से पूर्व मेडिकल फिटनेस के लिए एमडी मेडिसिन डॉक्टर वेंकटेश यादव के पास सुशील जैन मेमोरियल हॉस्पिटल परासिया रोड छिंदवाड़ा में भेजा गया। जहां डॉक्टर परामर्श अनुसार 22 अगस्त को इलाज किया गया। उपचार बाद हमारे द्वारा बच्चेदानी ऑपरेशन का प्लान, आने जाने की समस्या के कारण सुशील जैन मेमोरियल हॉस्पिटल में किया गया। ऑपरेशन हेतु ब्लड अरेंज के लिए कहा गया। ऑपरेशन 24 अगस्त को हो जाने के बाद, 26 अगस्त को डाक्टर सलाह अनुसार मरीज को ब्लड लगाने हेतु कहा गया। अस्पताल परिसर में उपलब्ध छिंदवाड़ा पैथोलॉजी/ब्लड बैंक में ब्लड ग्रुप जांच एवं क्रॉस मैच किया गया, जिसमें तीन से चार बार छिंदवाड़ा पैथोलॉजी के द्वारा ब्लड ग्रुप बी पॉजिटिव बताया गया। और बी पॉजिटिव ब्लड मरीज को लगवाया गया।
उन्होंने कहा कि जीविका पैथोलॉजी के द्वारा की गई ब्लड की गलत जांच रिपोर्ट के चलते मेरी पत्नी की जान पर बन आई थी, लेकिन डाक्टर और छिंदवाड़ा पैथोलाजी की सजगता से जान बच गई। शिकायतकर्ता ने जीविका पैथोलॉजी के द्वारा किए गए इस प्रकार की घोर लापरवाही/ अनियमितता, अपराधिक कृत्य के विरुद्ध जीविका पैथोलॉजी संचालक निधि साहू के खिलाफ़ वैधानिक दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की है।
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