स्टेट डेस्क – छिंदवाड़ा जिले की दो अहम विधानसभा सीटों को काटकर पांढुर्णा जिला बनाया गया था जिसमें सौसर को शामिल किया गया है। लेकिन अब संभावना जताई जा रही है कि संभाग और जिला सहित तहसीलों की सीमा फिर से तय की जाएगी। इसके बाद मध्य प्रदेश में जिले की संख्या घट सकती है। यह प्रक्रिया प्रदेश के नागरिकों को सुविधा प्रदान करने के लिए की जा रही है। आपको बता दें मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इसके लिए प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग बनाने का ऐलान किया है। प्रदेश में पहली बार इस आयोग का गठन किया गया है यह आयोग मध्य प्रदेश के जिलों की सीमाओं का सर्वे कर ऐसे तहसील और विकासखंड को चिन्हित करेंगे, जिनकी जिला मुख्यालय से दूरी अत्यधिक है। ऐसे तहसील और विकासखंडों को नजदीकी जिले से जोड़ा जाएगा…
प्रदेश की 8.77 करोड़ जनता को बेहतर प्रशानिक सुविधाएं मिल सके, इसलिए उन्हीं के हिसाब से संभाग, जिला, तहसील व विकासखंड की सीमाओं में बदलाव की तैयारी है। सीएम डॉ. मोहन यादव ने इसके लिए सोमवार प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग बनाने का ऐलान किया। प्रदेश में पहली बार इस आयोग का गठन किया गया है। यह आम जनता की जरूरत के हिसाब से संभाग, जिला, तहसील एवं विकासखंड की सीमाओं से परिवर्तन का खाका तैयार करेगा। खास बात यह है कि प्रदेश में वर्तमान जिलों की संख्या घट भी सकती है। जैसे हाल में छिंदवाड़ा से अलग कर पांढुर्ना को जिला बनाया गया है, जिसमें सिर्फ दो तहसीलें पांढुना और सौंसर हैं। इसे वापस छिंदवाड़ा में शामिल किया जा सकता हैं।
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… जाहिद खान
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