ज़ाहिद खान, एडिटर इन चीफ़, 9425391823

सोशल मीडिया पर वायरल होने वाली खबरें सही हो, यह जरूरी नहीं है। उसकी विश्वसनीयता हवा में तैरते सूखे पत्तों की तरह ही होती है। लेकिन सोशल मीडिया में फैली अफवाहों को देश की सत्ताधारी पार्टी के जिम्मेदार पद पर बैठे लोग ही मोहर लगाएं, तो बात चिंतनीय हो जाती है। दरअसल छिंदवाड़ा में आज भाजपा महिला मोर्चा द्वारा एक ज्ञापन मध्य प्रदेश शासन के राज्यपाल के नाम सौंपा गया जिसमें आरोप लगाया गया है कि मध्य प्रदेश सरकार ने कैबिनेट में यह प्रस्ताव पास किया है कि प्रदेश में महिलाओं के लिए अलग से शराब दुकानें खोली जाएंगी। इस आरोप कि जब पड़ताल की गई तो पता चला कि यह केवल सोशल मीडिया में फैलने वाला एक गॉसिप है इसके अलावा कुछ भी नहीं। लेकिन सवाल यह उठता है कि भाजपा महिला मोर्चा को इस संबंध में पूरा ज्ञान क्यों नहीं था …..? ज्ञापन सौंपने से पहले महिला मोर्चा की सदस्यों ने इस असामाजिक अफ़वाह के संबंध में पुष्टि क्यों नहीं की…..? दरअसल इस मामले पर जब जिला आबकारी के सहायक अधिकारी अमिताभ त्रिपाठी से बात की गई तो उन्होंने भी ज्ञापन के विषय को केवल गॉसिप ही बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह के कोई भी निर्णय का आदेश सरकार की तरफ से विभाग को नहीं पहुंचा है और ना ही विभाग के संबंध में ऐसा कोई निर्णय प्रदेश सरकार द्वारा लिया गया है।
विभागीय पुष्टि से साफ होता है कि भाजपा के पद पर बैठे जनप्रतिनिधि भी अफवाहों की चपेट में हैं। उनके इस अधूरे ज्ञान की वजह से प्रदेश की शांति व्यवस्था भी खतरे में आ सकती है। अब देखना यह है कि भाजपा अपने अधूरे ज्ञान वाले कार्यकर्ताओं पर समाज हित में कोई कार्यवाई करेगी या नहीं…..?

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