स्टेड डेस्क,


छिंदवाड़ा- आज शिक्षक दिवस के अवसर पर जहां शिक्षकों को देव तुल्य पूजा जाता है वहीं शिक्षकों के हालात ऐसे हैं कि उन्हें आर्थिक तंगी के चलते आत्महत्या का कदम उठाना पड़ रहा है? सरकार की बेरुखी और अनदेखी का नतीजा यह है कि आज शिक्षक दिवस पर शिक्षकों को काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन करना पड़ रहा है. जबकि शिक्षक दिवस पर गुरुओं को पूजा जाता है. गुरुओं के इस देश में इस तरह के दृश्य कई सवालों को जन्म देते हैं, कि आखिर सरकारें गुरुओं की तरफ कब निगाहे करम करेंगी? शिक्षक दिवस पर यह आंकड़ा शर्मसार करने वाला है कि आर्थिक तंगी के चलते अब तक प्रदेश में 50 से ज्यादा अतिथि शिक्षकों ने आत्महत्या कर ली है…?


दरअसल आज अतिथि शिक्षक संघ मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा इकाई ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम अपनी मांगों का ज्ञापन दिया है. इस दौरान अतिथि शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज कराया है. क्योंकि 13 वर्ष से अपनी सेवाएं देते आ रहे इन अतिथि शिक्षकों को ना ही आज तक नियमित किया गया है और ना ही अन्य सुविधाएं दी गई हैं. ऊपर से कोरोना संक्रमण के चलते लगे लॉकडाउन के बाद से इन अतिथि शिक्षकों को मानदेय भी नहीं दिया गया है. उक्त आशय की जानकारी देते हुए जिला अतिथि शिक्षक संघ छिंदवाड़ा के अध्यक्ष संतोष कहार ने बताया कि 13 वर्षों से सेवाएं देते आ रहे हैं लेकिन इतने सालों से शैक्षणिक सत्र में सेवाएं लेने के बाद सत्र समाप्ति पर निकाल दिया जाता है. हमारा भविष्य अब तक सुरक्षित नहीं है, अपने असुरक्षित भविष्य और आर्थिक तंगी के कारण 50 से अधिक अतिथि शिक्षकों ने आत्महत्या कर लिया है? उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते माह मई-जून july-august का मानदेय भी नहीं दिया गया है जिसके चलते हैं अब अतिथि शिक्षकों को परिवार पालना मुश्किल हो गया है. शिक्षक संघ ने ज्ञापन के माध्यम से यह चेतावनी दी है कि प्रदेश में होने वाले उपचुनाव के पहले यदि अतिथि शिक्षकों को नियमित नहीं किया जाता है और रुका हुआ मानदेय नहीं दिया जाता है तो, इसका दुष्परिणाम भारतीय जनता पार्टी को भुगतना पड़ेगा. अतिथि शिक्षक संघ ने कहां की उप चुनाव के पहले तत्काल आदेश जारी करने की कृपा करें, ताकि सदैव हम आपके ऋणी रहें.
बाहरहाल यह चिंता का विषय है की गुरुओं के इस देश में गुरु आर्थिक तंगी के चलते आत्महत्या कर रहा है लंबी मांग पूरी ना होने के अभाव के चलते आप अतिथि शिक्षकों का रोज लगातार बढ़ता जा रहा है निश्चित ही सरकार समय रहते इन्हें राहत नहीं पहुंचाती है तो अतिथि शिक्षक प्रदेश में अनिश्चितकालीन आंदोलन की राह पकड़ सकते हैं.

Md.ज़ाहिद खान,

एडिटर इन चीफ़, 9425391823

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