स्टेड डेस्क, छिन्दवाडा- जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती कल्पना तिवारी रिछारिया व्दारा देवउठनी ग्यारस के बाद से विवाह आयोजनों और विवाह की विशेष तिथियों बसंत पंचमी, अक्षय तृतीया आदि के अवसर पर होने वाले विवाहों में बाल विवाह की संभावना के दृष्टिगत लाडो अभियान के अंतर्गत बाल विवाह की रोकथाम के लिये जिले के प्रिंटिंग प्रेस के प्रबंधकों को निर्देश दिये गये हैं कि मुद्रित की जा रही पत्रिका में स्पष्ट उल्लेख करें कि वर-वधू बालिग है।
इस संबंध में बालक और बालिका की उम्र का प्रतिपरीक्षण जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल की अंकसूची या आंगनवाडी केन्द्र से प्राप्त रिकार्ड से करें तथा इन दस्तावेजों के अभाव में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी मेडिकल प्रमाण पत्र को मान्य करें और पूरे वर्ष बाल विवाह रोकने में शासन को सहयोग प्रदान करें। उन्होंने बताया कि बाल विवाह अधिनियम में दण्ड प्रावधान के अंतर्गत बाल विवाह किये जाने पर 2 वर्ष के कारावास, एक लाख रूपये का जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है।

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