मध्य प्रदेश में बेटियों के लिए सरकार की तरफ से पहले ही लाडली लक्ष्मी योजना और मुख्यमंत्री कन्यादान जैसी योजनाएं चल रही हैं लेकिन अब राज्य के शाजापुर जिले में जिला पंचायत सीईओ ने एक नया कदम उठाया है. इसके तहत प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बने घरों का नामकरण घर की बेटियों के नाम पर करवाया गया है…

स्टेड डेस्क- शाजापुर जिले के ऐसे कई गांव हैं जहां पर इन दिनों घरों की पहचान बेटियों के नाम से होती है. घर के बाहर की दीवारों पर मकान मालिक के नाम के तौर पर बेटियों का नाम लिखा गया है.

जिला पंचायत सीईओ मिशा सिंह ने बताया कि बेटियों को मजबूत पहचान दिलाने के लक्ष्य के साथ ऐसा कदम उठाने के लिए सोचा गया है ताकि बेटियों के मामले में ज़िला पूरे प्रदेश में एक मिसाल बन जाए. इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में बने प्रधानमंत्री आवास योजना के मकानों में ऐसे लाभार्थियों की सूची तैयार की गई जिनके घरों में बेटियां हैं. इसके बाद प्रशासन ने इनसे बात कर उन्हें राजी किया कि घरों के आगे बेटियों का नाम लिखा जाएगा.

मिशा सिंह के मुताबिक उन्हें ये देखकर बेहद खुशी हुई कि एक भी लाभार्थी ने उनके इस प्रस्ताव को नामंजूर नहीं किया और खुशी-खुशी अपने घरों के आगे बेटियों का नाम लिखने के लिए तैयार हो गए. जिला प्रशासन की इस पहल के बाद अब शाजापुर जिले के कालापीपल, मोहन बड़ोदिया और शुजालपुर ग्राम पंचायतों के करीब एक हज़ार मकान बेटियों के नाम से पहचाने जाने लगे हैं.

प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी और ग्राम पंचायत सतगांव के रहने वाले देवराज ने अपने घर का नाम अपनी बेटी आयुषी के नाम पर रखा है. उन्होंने बताया कि वो मजदूरी करके आयुषी को बेहतर शिक्षा दिला रहे हैं, ताकि आगे चलकर उनकी बेटी खुद के साथ साथ परिवार का नाम भी रोशन कर सके.

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