छिंदवाड़ा अजब है सबसे गजब है… जी हां यह स्लोगन मध्य प्रदेश के लिए बोला जाता है… लेकिन वर्तमान में छिंदवाड़ा को लेकर कहना कोई अतिशयोक्ति न होगी. दरअसल छिंदवाड़ा में बीते लंबे समय से प्रशासनिक व्यवस्था के लचर रवैया के चलते शासकीय राशि का बेजा दुरुपयोग होने के मामले सामने आए हैं. कुछ मामलों में जांच लंबित है कुछ में जांच हो चुकी है बावजूद इसके शासकीय राशि के दुरुपयोग का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है.
स्टेड डेस्क- शासकीय राशि के दुरुपयोग के मामले में अव्वल नंबर पर है छिंदवाड़ा का जिला पशु चिकित्सा विभाग. इसके अंतर्गत आने वाले कुक्कुट पालन विभाग में इन दिनों निजी खाते में शासकीय राशि डालने का मामला उजागर हुआ है आपको बता दें इसके पहले इसी विभाग में अभिषेक शुक्ला पर शासकीय राशि निजी खाते में ट्रांसफर करने का मामला उजागर हुआ था. जिसकी शिकायत के बाद जिला पंचायत छिंदवाड़ा के सीईओ द्वारा जांच कराई गई, जांच में वे दोषी भी पाए गए हैं. अग्रिम कार्यवाही के लिए फिलहाल मामला कलेक्टर के टेबल पर है. अभी इस कार्यवाही ने अमलीजामा पहना भी नहीं था कि इसी विभाग में एक और नटवरलाल की उत्पत्ति हो गई.? हालांकि सूत्रों की माने तो अभिषेक शुक्ला के कुछ अंगद भी इस विभाग में कार्यरत हैं जिन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना कोई नई बात नहीं है.? इस बार कुक्कुट पालन विभाग के प्रभारी डॉक्टर संजीव कुमार कुमरे रडार पर हैं.
दरअसल डॉक्टर संजीव कुमार 27 जनवरी 2021 को इस विभाग से स्थानांतरित होकर चांद पदस्थ हो चुके हैं लेकिन इस पदस्थापना के 2 दिन पहले ही उन्होंने अपने हस्ताक्षर पर स्वयं के खाते में 77169 रुपए बकायदा पेड़ बाउचर के माध्यम से ट्रांसफर किए हैं, जिस बाउचर से यह राशि ट्रांसफर की गई है उसका नंबर D070700433 है डॉक्टर कुमरे ने यह राशि अपने निजी बैंक खाते में पेड़ बाय मी के माध्यम से ट्रांसफर की है.
बहरहाल कुक्कुट पालन विभाग के वर्तमान में प्रभारी डॉ जितेंद्र बघेल ने बताया कि शासन की व्यवस्था के तहत निजी खाते में राशि डाली जा सकती है लेकिन डॉक्टर संजीव कुमरे के मामले में वे भी स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में यथास्थिति को डॉक्टर कुमरे ही साफ कर सकते हैं. जिसके बाद डॉक्टर कुमरे से मोबाइल पर संपर्क साधा गया, लेकिन उन्होंने कॉल अटेंड नहीं किया. जिसके चलते उनका पक्ष नहीं लिया जा सका है.