*बुरहानपुर का मुख्यपोस्ट ऑफिस नहीं खुलता समय पर….
*ग्राहक होते हैं परेशान…
*पोस्ट मास्टर भी नहीं पंहुचते समय पर…
*ग्राहकों से की जाती हैं अभद्रता…शिकायत करने पर मिलती है धमकी…
केंद्रीय शासकीय कार्यालयों में से एक डाकघर की सेवाएं ऐतिहासिक हैं…यह एकमात्र ऐसा कार्यालय है जिसकी सेवाएं सदियों पुरानी हैं जिससे पीढ़ियों का नाता जुड़ा हुआ है… इन सेवाओं को और भी बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार ने आमूलचूर परिवर्तन किए हैं. जिसके लिए सरकार ने करोड़ों खर्च भी किए हैं. इसमें सरकार की मंशा सिर्फ यह है कि जनता को इस ऐतिहासिक सेवा का बेहतर से बेहतर और सुलभ फायदा मिल सके. लेकिन सरकार की मंशा पर या यूं कह लें कि सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं पर बुरहानपुर के पोस्ट मास्टर पानी फेरने में और पलीता लगाने में कसर नहीं छोड़ रहे हैं…जहां आलम बद से बदतर है. बुरहानपुर के पोस्ट ऑफिस में मनमानी का दौर चरम पर है. यही नहीं यहां के पोस्ट मास्टर से यदि आप इस कार्यालय की शिकायत करते हैं तो आपको बदले में अभद्रता और दुर्व्यवहार मिलेगा. यह हम नहीं कहते बल्कि यहां के पीड़ित ग्राहक और मीडिया के कैमरे में कैद हुआ पोस्ट मास्टर के दुर्व्यवहार से साबित होता है. ऐसे में सरकार के नुमाइंदों को बुरहानपुर पोस्ट ऑफिस की निगरानी बढ़ाने की जरूरत है नहीं तो सरकार के स्वप्न पर पलीता लगने में समय नहीं लगेगा. हम आज आपको बुरहानपुर पोस्ट ऑफिस की अनियमितताओं और यहां चल रही अधिकारी कर्मचारी की गुंडागर्दी से रूबरू कराने जा रहे हैं… जहां ग्राहकों को सम्मान की जगह मिलता है अपमान…?
स्टेड डेस्क/ बुरहानपुर ब्यूरो- दरअसल जिला मुख्यालय के पोस्ट ऑफिस में कर्मचारी अधिकारियों की मनमानी से जनता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि निर्धारित समय बीत जाने के बाद भी ऑफिस में ताला जड़ा रहता है। जिससे ग्राहकों को घंटों इंतेजार करना पडता है। स्थिति यह है कि कर्मचारियों के साथ ही मुख्य पोस्ट मास्टर टी एस बालकर भी समय पर नहीं पहुंचते, ऐसे में जब ग्राहक लेटलतीफी पर सवाल खड़े करते हैं तो उनके साथ अभद्रता की जाती है।
गौर करने वाली बात तो यह है कि शिकायत करने पर ग्राहकों को धमकी दी जाती है। ग्राहकों की माने तो यहां पदस्थ मुख्य पोस्टर मास्टर टी एस बालकर भी अपने अधिनस्त कर्मचारीयों को बचाते हुए ग्राहकों को धमकाते नजर आते है और ग्राहकों को कहते हैं आप लोग झूठ बोल रहे हैं, जबकि यह सारी घटनाऐं मीडिया ने अपने कैमरे में कैद भी की है। हठधर्मिता तो ये है कि पोस्ट मास्टर गलती मानने को तैयार नहीं होते। आज जब इस मामले पर मीडिया ने कार्यालय में दबिश दी तो कार्यालय समय के बाद भी यहां ताला लगा हुआ था और बाहर ग्राहकों की भीड़ थी। जब इस बात पे मीडिया के लोगों ने उनसे सवाल किया तो वे सुधार कराने की बात न करते हुए मीडियाकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार करते नज़र आये, उनका यह गैरजिम्मेदाराना व्यवहार कैमरे में भी कैद हुआ।
वहीं यहां घंटों इंतजार कर रहे ग्राहकों से चर्चा की गई तो उन्होने बताया कि करीब आधे घंटे से इंतजार कर रहे है किंतु अभी तक पोस्ट ऑफिस खुला नहीं हैं, जबकि हमें भी अपने अपने कार्य पर जाना हैं। वहीं जब पोस्ट मास्टर से चर्चा करनी चाही तो पोस्ट मास्टर मीडिया से ही परिचय और अनुमती मांगने लगे। खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे की तर्ज पर जब उनकी पोल खुल गई तो वे झुंज लाने आने लगे और मीडिया के साथ दुर्व्यवहार करने लगे उनके इस व्यवहार ने यह तो साफ कर दिया है कि जब वे मीडिया कर्मियों से इस तरह गुंडागर्दी से पेश आ सकते हैं तो आम नागरिकों और ग्राहकों से कैसा व्यवहार करते होंगे अंदाजा लगाया जा सकता है।
बुरहानपुर से गोपाल देवकर की खास रिपोर्ट