ऊंची दुकान-फीका पकवान यह कहावत आपने कई बार सुनी होगी, लेकिन आज हम आपको इस कहावत को चरितार्थ करने वाला एक ताज़ा मामले से रूबरू कराने जा रहे हैं. मामला बहुत गंभीर और आम नागरिक के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है. यूं तो नकली सामग्री बाजारों में धड़ल्ले से बेची जा रही है..? ब्रांड की कई कॉपियां भी बाज़ारों में मौजूद हैं, लेकिन मसअला तब और गंभीर हो जाता है जब देश की विश्वसनीय खाद्य पदार्थ का निर्माण करने वाली कंपनी, हल्दीराम के प्रोडक्ट ही खराब निकलें…? तो ऐसे में आम जनता आखिर विश्वास करे तो किस पर…?

स्टेड डेस्क/मण्डला ब्यूरो- दरअसल आज हल्दीराम के एक नियमित उपभोक्ता ने हल्दीराम की मिल्क ब्रेड खरीद कर घर ले गया. उसने यह ब्रेड अपने बच्चों और घरवालों के लिए खरीदा था, हल्दीराम के नियमित ग्राहक का सोचना है कि सेहत का मामला है तो ब्रांडेड खाद सामग्री ही भरोसेमंद है..? लेकिन आज उनका यह मुकालता टूट गया…

फफूंदी ब्रेड़

दरअसल यह मामला मंडला जिले के अंजनिया क्षेत्र का है. जहां रहने वाले अजय श्रीवास्तव ने अपने घर के लिए हल्दीराम की मिल्क ब्रेड खरीद कर ले गए. लेकिन जब ब्रेड का पैकेट खुला तो वे दंग रह गए. ब्रेड में अत्यधिक फफूंद लगी हुई थी..? श्री श्रीवास्तव को लगा कि एक्सपायरी डेट की ब्रेड खरीद लाए हैं लेकिन जब उन्होंने एक्सपायरी डेट देखी तो वे और भी चौक गए. उस ब्रेड के पैकेट में यूज बाय 17 अगस्त 2021 लिखा हुआ था..? यानी यह ब्रेड पूरी तरह से ताजी और स्वच्छ निकलना था..?

एक्सपायरी डेट पर भी एक नजर

लेकिन इसके बाद भी ब्रेड में फफूंद निकली तो अब आप ही अंदाजा लगाइए कि आखिर नागरिक किस पर भरोसा करें…? ऐसे में अब ऊंची दुकान और फीका पकवान कहना कोई अतिशयोक्ति ना होगी..!

शेहद के लिए है खतरनाक…
तस्वीरों में देखा जा सकता है किस तरह से हल्दीराम की ब्रेड फफूंदी हुई है जिस ब्रेड के पैकेट पर 17 अगस्त 2021 को इस्तेमाल करने की तारीख लिखी हुई है. लेकिन उस पैकेट के अंदर खराब ब्रेड का निकलना गंभीर है यदि यह पैकेट किसी बच्चे या नासमझ के हाथ लग जाता तो उसकी सेहत पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ता…? चिकित्सकों के अनुसार इस तरह के खाद्य पदार्थ सेहत के लिए बहुत ही हानिकारक हैं, इससे फुट पाइजन भी हो सकता है..

आखिर कार्यवाही कौन करेगा…?
यहां बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर इतनी बड़ी खाद्य सामग्री निर्माता कंपनी, जिसका नाम पूरे देश में चलता है उसके द्वारा लापरवाह पूर्ण सामग्री बाजार में परोसी जा रही है..? लेकिन इसके बाद भी अधिकारियों की नजर इन पर ना होना चिंतनीय और संदेहास्पद है. जबकि सरकार का एक पूरा डिपार्ट इसी कार्य के लिए बना हुआ है. जिसमें कई अधिकारी कर्मचारी कार्यरत हैं किंतु इन अधिकारी कर्मचारियों द्वारा भी नियमित जांच नहीं की जाती है. नतीजा यह है कि लोगों के स्वास्थ्य के साथ धड़ल्ले से खिलवाड़ किया जा रहा है. ऐसे में अब कार्यवाही कौन करेगा यह सवाल बरकरार है..?

मण्डला से कंटेंट एडिटर सलीम खान की रिपोर्ट

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