स्टेड डेस्क/चौरई- नगर के कुंडा फाटक में बन रहे 100 बिस्तर के अस्पताल भवन के घटिया निर्माण की शिकायत लगातार लोगों द्वारा की जा रही है। काली मिट्टी मिली रेत से यहां पर अस्पताल भवन का स्लेप भी डाल दिया गया है। लोगों ने बताया कि मिट्टी मिली रेत के कारण अस्पताल भवन में सीपेज की शिकायतें होंगी। हालांकि इसके बाद भी पीआईयू और ठेकेदार लगातार काम करवा रहे हैं?

गौरतलब है कि नगर के नए अस्पताल भवन का निर्माण कुंडा फाटक में किया जा रहा हैं। यहां पर लगातार घटिया निर्माण की शिकायत की जा रही हैं। करोडों की लागत के बाद भी अस्पताल में घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक नगर के कुंडा फाटक में 3 करोड़ की लागत से पीआईयू द्वारा 100 बिस्तर के अस्पताल भवन का निर्माण करवाया जा रहा हैं। ठेकेदार द्वारा यहां नियमों को ताक में रखकर काम करवाया जा रहा हैं। आलम ये है कि पेंच नदी और नालों से निकली काली रेत का उपयोग निर्माण कार्य में किया जा रहा है। जिससे निर्माण की गुणवत्ता खराब हो रही है। इस रेत से ही अस्पताल भवन का स्लेप कर दिया गया है। जबकि इसमें काली मिट्टी की मात्रा ज्यादा होने से बड़े भवनों में रेत का उपयोग स्लेप और प्लास्टर के कामों में नहीं किया जाता है। इसके बाद भी अब तक पीआईयू द्वारा ठेकेदार को काली रेत का उपयोग करने से नहीं रोका गया हैं।

क्षेत्र के लोग कर चुके हैं शिकायतें…
अस्पताल भवन के घटिया निर्माण की शिकायतें लगातार हो रही हैं। कुंडा फाटक के रहवासियों ने बताया कि लगातार घटिया निर्माण की शिकायत की जा रही हैं। लेकिन पीआईयू के उपयंत्री और एसडीओ यहां आते ही नहीं हैं? उनके नहीं आने से यहां ठेकेदार मनमर्जी से ही काम कर रहा है। इस मामले में एसडीओ सीएस राहंगडाले ने बताया कि अगर खराब रेत का उपयोग किया जा रहा हैं तो इस मामले में करवाई की जाएगी।

3 करोड़ की लागत से हो रहा निर्माण…
खास बात हैं कि अस्पताल के नए भवन का निर्माण 3 करोड़ की लागत से किया जा रहा है। दो मंजिला अस्पताल को आधुनिक सुविधाओं से जोड़ा जाएगा। मिट्टी मिली रेत से बन रहे भवन की गुणवत्ता पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं देखना यह है कि आला अधिकारियों की नजर इस ओर कब होती है।

चौरई से मनोज साहू की रिपोर्ट

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