स्टेड डेस्क/अमरवाड़ा- नगर के शासकीय अस्पताल हमेशा कुछ ना कुछ विवादों से घिरा रहता है और इन सब की वजह यहां पर बरसों से जमे बीएमओ बताए जाते हैं| इस बार अस्पताल प्रबंधन पर समय पर इलाज न करने और आवश्यक दवाइयां उपलब्ध न कराने को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

       मंगलवार को ग्राम राजगुरु पिपरिया निवासी 16 वर्षीय बालक के पिता राकेश अपना इलाज कराने के लिए अमरवाड़ा के सिविल अस्पताल आया हुआ था जिसका सही समय पर सही तरीके से इलाज ना होने के कारण आकस्मिक मौत हो गई मौत की खबर लगते ही परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा मचाया तो वही बीएमओ पर गंभीर आरोपों सहित अस्पताल में डॉक्टरों की कमी बता कर चिल्लाचोर मचाया गया। आपको बता दें कि यह कोई पहली दफा नहीं है जोकि अस्पताल प्रबंधन पर आरोप ना लगा हो हंगामा की जानकारी मिलते ही अमरवाड़ा एसडीओपी डॉक्टर संतोष डेहरिया नगर निरीक्षक राजेंद्र सिंह सहित पुलिस अमला दल बल के साथ पहुंचे और परिजनों को समझाइश दी गई वहीं परिजनों द्वारा अस्पताल में इलाज ना करने का आरोप लगाया गया।

करोड़ों रुपए की मशीनें खा रही धूल…
अमरवाड़ा अस्पताल में कई बड़ी-बड़ी मशीनें रखी हुई है जो सिर्फ धूल खा रही है। विभिन्न बीमारियों और चेकअप से संबंधित करोड़ों रुपए की मशीनें अस्पताल में पड़ी हुई है जिन्हें चलाने वाला कोई नहीं है अमरवाड़ा कांग्रेस विधायक राजा कमलेश प्रताप सहित कई समाजसेवी संगठनों ने शासकीय अस्पताल को वेंटिलेटर उपयोगी सामग्री सहित कई चीजें भेंट की है परंतु वह जनहित के कार्यों में कभी उपयोग नहीं की जा रही। कई बार समाचार पत्रों में डॉक्टरों की कमी और अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की खबरें प्रकाशित की जा चुकी है परंतु शासन प्रशासन सब कुछ देखने के बावजूद मौन मुद्रा में है। बताया जाता है कि बीएमओ की राजनीतिक मित्रता से खंड चिकित्सा अधिकारी अब तक एक ही स्थान पर जमी हुए है और नगर वासियों द्वारा यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि वह रिटायर्ड भी अमरवाड़ा से ही होंगी। जिसका खामियाजा 16 वर्षीय बालक भी भुगत चुका है और ऐसे कई अन्य मामले हैं जिसके चलते अस्पताल प्रबंधन पर महीने 2 महीने में आरोप लगाए जाते रहते हैं।

अमरवाड़ा से अमर गिरी की रिपोर्ट

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