स्टेड डेस्क/बुराहनपुर ब्यूरो- शाहपुर तहसील के अमरावती नदी पर बने कोकेईथड जंगल के महमूद डैम का एक हिस्सा पानी के बहाव में बह गया। बीती रात जंबूपानी क्षेत्र के तेज बारिश के चलते अमरावती नदी में बाढ़ आ गई थी, जिसके चलते महमूद डैम पूरी तरह से तहस-नहस हो कर टूट गया।
शाहपुर के किसान योगेश कट्टे ने जानकारी देते हुए बताया कि यह महमूद डैम लगभग 10 वर्ष पूर्व बनाया गया था, जो अभी 2 वर्ष दो साल पहले पूरी तरह से जर्जर हो गया था। बीती रात तेज बारिश होने से नदी नाले उफान पर बहने लगे, जिसका पानी अमरावती नदी में आ मिलता है इसी वजह से अमरावती नदी बाड़ आ गई। सुबह जब मै अपने खेत में जाने के लिए निकला तो मुझे महमूद डेम पूरी तरह से फूटा हुआ दिखाई दिया। इस डैम के टूटने से क्षेत्र के कई किसानों का भारी नुकसान हुआ है। खेतों में पानी भरने से फसल खराब हो गई।
जैसे कि दो-तीन वर्ष से अच्छी बारिश नहीं हो रही है किसान पानी की कमतरता की वजह से अपनी फसलें उखाड़ फेंक रहे हैं ऐसे में इस डैम के टूट जाने से हजारों लीटर गैलन पानी व्यर्थ बह रहा है। यही पानी जिस उद्देश्य से रोका जा रहा था जिससे रिचार्ज होकर कूवे, ट्यूबवेल आदि को पानी भरने में फायदा होता। क्षेत्र में पिछले कई दिनों से वर्षा नहीं हुई है किसानी के लिए पानी का बहुत महत्व है आज बुरहानपुर जिले में किसान सबसे ज्यादा केली का उत्पादन देता है। जिसके लिए ज्यादा मात्रा में पानी लगता है ऐसे में यदि ऐसी घटनाएं घटती है तो किसान अपनी समस्या लेकर कहा जाए।
यह डैम 2 वर्ष पूर्व से ही जर्जर हो चुका था इसे देखने के लिए संबंधित विभाग भी आया था किंतु 2 वर्ष तक विभाग ने इसे ठीक करना उचित नहीं समझा। इस डेम से शाहपुर क्षेत्र के किसान सहित ग्राम खामन, बमभाड़ा, बोरगांव जम्मूपानी आदि क्षेत्र के किसानों को फायदा होता है। इस डैम पर 17 गेट लगाए गए हैं, शाहपुर क्षेत्र के किसान सुभाष आखरे, प्रवीण चोपडे ,अनिल उदलकर सतीश चौधरी, सूरज दरबार, शेख महमूद, आशिक नीर, नितिन हांडगे आदि किसानों ने इस डेम को तत्काल दुरुस्त करने के लिए प्रशासन से मांग की है। किसानों का कहना है कि क्षेत्र में किसान बारिश नहीं होने से चिंता में हैं ऐसे में जो कुछ पानी हम बचा सकते हैं वह भी शासन की अनदेखी के कारण व्यर्थ बह रहा है जो भविष्य में चिंता का विषय है।
बुरहानपुर से गोपाल देवकर की रिपोर्ट