*गरीब परिवार की मेहनत की कमाई का यू डूबने पर कब होगी जिम्मेदारो पर कार्यवाही तय ?
*अतिक्रमण हटने के बाद अभी तक क्यो नही हुई तार की फेसिंग ?
*सही बटवारा नही होने के बाद भी तहसीलदार ने बटवारा आदेश कैसे पारित कर दिया
*तहसीलदार के आदेश को आधार बनाकर कैसे फर्जी कालोनी डेवलप हो गई और किसी रहनुमा की नजर नही पड़ी
*चमनघाटी के अमन को लूटने के बाद अब बटवारा निरस्त होने के बाद भी प्रशासनिक अमला क्यो नही जागा
*आम आदमी की यू डूब रही कमाई पर आखिर कब जागेगा प्रशासनिक अमला ?
*कब लगेगी खेतो में सड़क बनाकर जेब काट रही कालोनियों पर रोक ?
स्टेड डेस्क/चौरई- अचानक नगर के आम आदमी के ऊपर दोहरी मार आ गिरी है, चौरई न्यायालय के एक आदेश से आम आदमी से लेकर निवेशकों में अफरा तफरी का माहौल है. जहाँ न्यायालय ने चौरई की चर्चित और पूर्व में विवादित कालोनी चमनघाटी की भी रजिस्ट्री शून्य घोषित कर दी है. जिससे एक बार फिर आमआदमी का भरोसा टूट गया है. वहीं अपनी मेहनत की कमाई को यूं डूबता देख आमआदमी भारी पशोपेश में है कि हमने अपनी मेहनत की कमाई कहा लगा दी…?
वही निवेशकों को कोई संतोषजनक जवाब नही मिल पा रहा है जिससे जनाक्रोश बठता जा रहा है. आम आदमी की कमाई यू डूबना और पूरे प्रशासन का मौन धारण करना अपने आप मे बहुत से सवाल खड़े कर रहा है.? आखिर बिना जांच पड़ताल के तहसीलदार ने कैसे आदेश निकाल दिया एवम रजिस्ट्री की अनुमति मिल गई…? जिससे इन तथाकथित भूमाफियों ने खेतो में सड़क बनाकर कुछ कौड़ियों की ज़मीन, सोने के भाव बेच दी. कुछ लाख की जमीन से आम आदमी से करोड़ो रुपये बना लिए, वही अब अपनी आँखों के सामने अपनी मेहनत की कमाई यू डूबते देख आम निवेशक बीमार भी होने लगा है लेकिन उन्हें कोई जवाब नही मिल पा रहा है.
KBP NEWS चौरई से सहयोगी मनोज साहू की रिपोर्ट…
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