विकास की पोल खोलता यह दृश्य…
विकासशील जिले के हाल बेहाल…
पानी को तरस रहा गांव…

स्टेट डेस्क/छिंदवाड़ा – अब हम आपको मध्यप्रदेश का एक ऐसा नजारा दिखाने जा रहे हैं जिसे देखकर हर कोई शर्मसार हो जाएगा..? सोचने पर मजबूर हो जाएगा कि आजादी के 7 दशक से ज्यादा बीतने के बाद भी कई कस्बे ऐसे हैं जहां पीने का पानी नहीं पहुंच रहा है। चिंता तब और बढ़ जाती है जब आपको पता चलेगा कि यह नजारा एक विकासशील जिले का है…? उस जिले का जहां मेडिकल कॉलेज है, यूनिवर्सिटी है, कई टैक्सटाइल्स फैक्ट्रियां है, इंडस्ट्रियल एरिया है बड़ी-बड़ी इमारतें, चमचमाती सड़कें हैं, लेकिन हकीकत का दूसरा पहलू यह भी है…!


जी हां हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की। यह नजारा छिंदवाड़ा के कलेक्ट्रेट का है जहां आज नगर निगम सीमा से लगे खापा मिट्ठेखां गांव की महिलाएं सर पर गुंडिया लेकर कलेक्ट्रेट पहुंची। और पानी की मांग की है। आपको बता दें जिस क्षेत्र की यह महिलाएं हैं, वह क्षेत्र छिंदवाड़ा जनपद पंचायत में आता है। तो ऐसे में आप अंदाज लगाइए की जिला पंचायत और जनपद के मदों से पानी के लिए चलने वाली योजनाओं का जमीनी स्तर पर कितना अमल हुआ है। नगरीय विकास, सड़क, पानी के लिए राज्य और केंद्र सरकार द्वारा करोड़ों की राशि पहुंचाई जा रही है, तो उस राशि का इस्तेमाल कहां और किस हद तक हुआ है, इसकी भी पोल खोलता यह ज्ञापन है। इन महिलाओं ने ज्ञापन के माध्यम से सरकार से पीने के पानी की व्यवस्था कराने की मांग की है। महिलाएं पीने के पानी के लिए इतना परेशान है कि वह कहती है कि हमें कुछ नहीं चाहिए, पानी चाहिए। तो अंदाजा लगा सकते हैं कि पानी के लिए इस गांव के लोगों को कितना परेशान होना पड़ता होगा। इधर जनपद पंचायत की एसडीओ ने कहा कि गांव में जल्द ही पानी की वैकल्पिक व्यवस्था बनाई जाएगी।
छिंदवाड़ा की ग्राम पंचायत रोहना खुर्द के ग्राम खापामिट्ठे की दूरी जिला मुख्यालय से महज़ 20 मिनट की है। लेकिन इसके बाद भी यहां पानी के लिए हाहाकार होना बताता है कि दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में मूलभूत सुविधाओं को पहुंचाने में नौकरशाह कितने सजक हैं..? वही जनप्रतिनिधियों की सक्रियता पर भी कई प्रश्नचिन्ह खड़े होते हैं। देखना होगा कि चमचमाती लग्जरी कारों में घूमने वाले नौकरशाह और जनप्रतिनिधि इन मजबूर ग्रामीणों की परेशानियों को दूर करने में कितना समय लगाते हैं, तब तक इंतजार करना होगा….

KBP NEWS
जीशान शेख की रिपोर्ट

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