करोड़ों की जमीन मकान की वसीयत अंजुमन को सौंपी…
दो सगी बहनों ने अपनी सारी मिल्कियत की दान…
दो मस्जिद भी अंजुमन के हवाले की….
स्टेट डेस्क/छिंदवाड़ा – मशहूर शायर जावेद जज़्बाती साहब की पंक्तियां आज चरितार्थ हो रही हैं, उन्होंने लिखा है… मेहनत की दौलत को हम तक्सीम कर देते हैं, बेचा नहीं करते –
तो वही किसी शायर ने लिखा है-
खुदा की राह में जो अपना माल देता है,
हर आने वाली मुसीबत को टाल देता है।
खुदा भी उनसे कोई सवाल नहीं करता,
जो अपने माल का सदका निकाल देता है।।
जी हां मुस्लिम धर्म में सदके की बहुत बड़ी फजीलत है, लेकिन जो अपना पूरा माल ही वक्फ यानी दान कर दे, तो उसके लिए कितनी नेकिया और इनाम है, इसका अंदाजा लगाना हर आम व्यक्ति के लिए मुश्किल है।
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में दो सगी बहने जोकि प्रशासनिक सेवा से रिटायर हो चुकी हैं, उन्होंने अपनी सारी मिल्कियत छिंदवाड़ा अंजुमन को वसीयत कर दी है। जरा अंदाजा लगाइए, इस दौर में जहां लोग एक-एक इंच जगह के लिए मरने मारने को तैयार रहते हैं, लोगों की अमानतों को कब्जा लेते हैं। जमीन हड़प लेते हैं। जहां चंद रुपयों के लिए हत्या कर दी जाती है। तो वहीं इसी दौर में ऐसे भी लोग हैं जो धर्म के लिए अपनी सारी जायदाद दान कर देते हैं। छिंदवाड़ा में मशहूर सूफी संत हजरत भैयाजी अताउल्लाह शाह रहमतुल्ला अलेह की दरगाह के पीछे रहने वाली दो सगी बहने,, आयशा चिश्ती और राबिया चिश्ती ने अपनी तमाम मिल्कियत अंजुमन को वक्फ कर दी है । और यह जायदाद बाजार मूल्य के हिसाब से करोड़ों रुपए की है। इसके साथ ही उन्होंने छिंदवाड़ा के प्रियदर्शनी कॉलोनी और जनता कॉलोनी में दो मस्जिद जमीन खरीदकर तामीर करवाई थी, यह दोनों मस्जिद भी अंजुमन को सौंप दी है। अपने जीवन के अंतिम पड़ाव में इन दो बहनों का यह जज्बा काबिले तारीफ है। इनकी तारीफ में जितने भी शब्द हों, कम है। क्योंकि यह जज्बा बड़े-बड़े करोड़ पतियों को भी हासिल नहीं है।
इन दो बहन आयशा चिश्ती और राबिया चिश्ती का अंजुमन कमेटी द्वारा इस्तकबाल और सम्मान किया गया। जहां इन दो महान बहनों ने अपनी वसीयत सदर अंजुमन निषादउद्दीन रूमी पटेल को सौंपी है।
निश्चित रूप से यह एक महान और अनंत दान है। जोकि जीते जी भी पुण्य देता है और मरने के बाद भी पुण्य का सिलसिला चलता रहता है। इस अवसर पर छिंदवाड़ा के सभी मस्जिदों के इमाम हजरत, अंजुमन कमेटी के बिल्डिंग चेयरमैन अजमल लाला, निर्माण कमेटी के अध्यक्ष अफजल पटेल, कब्रिस्तान चेयरमैन साहिद बाबा, फिरोज खान, मोंटी भाई, सहित अन्य पदाधिकारी और समाज के नागरिक मौजूद रहे।
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