क्या हुआ कलेक्टर के आदेश का ?
क्या डूब गया जांच का टाइटेनिक ?
कितने-कितने, क्या-क्या, किस-किस को मिले ?

मूल्यांकन घोटाले के जांच की फ़ाइल भ्रष्टाचार के समंदर में नोटों के वजन के कारण डूब चुकी है..? स्कूल शिक्षा विभाग के गलियारों से निकली यह चर्चा इन दिनों जिले के शिक्षकों के बीच कानाफूसी से दावों तक आम हो चुकी है …

स्टेट डेस्क/छिंदवाड़ा- 11 वीं कक्षा के रिजल्ट के साथ ही कई छात्र छात्राओं को पैसे लेकर पास किये जाने का मामला मोहखेड़ उच्चतर माध्यमिक स्कूल का था जो मूल्यांकन केंद्र अधिकारी प्राचार्य राजीव साठे द्वारा की गई शिकायत के बाद प्रकाश में आया था।

मामले की गम्भीरता को देखते हुए जिला शिक्षाधिकारी जी एस बघेल ने दो वरिष्ठ प्राचार्यों की टीम गठित कर जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी। जांच टीम ने जांच के बाद जो रिपोर्ट दाखिल की थी, उसके अनुसार उत्कृष्ट मोहखेड़ के भौतिक शास्त्र के शिक्षक के साथ पर्ण प्रतिपर्ण प्रभारी और एक अन्य मूल्यांकनकर्ता शिक्षक पर कार्रवाई की तलवार लटक चुकी थी। लेकिन इस कार्रवाई का बम सरसराया तो, मगर फटा नही…?
अब कानाफूसी और चर्चाओं की माने तो कई नाम इस मामले में लाखों की गिनती कर चुके हैं..?

एक तरफ विधानसभा चुनाव सर पर हैं उस पर फिसड्डी रिजल्ट देने वाले मोहखेड़ उत्कृष्ट विद्यालय जैसे कई स्कूलों के कारनामें और जुगाड़ कार्य मे एक्सपर्ट एजेंट बिचौलिओं की पहुच मुसीबत का सबब जरूर बनती दिखाई दे रही है।

कलेक्टर ने 3 महीने पहले दिया आदेश, अब तक नहीं हुई कार्यवाही…

दूसरी ओर यहाँ गौरतलब तथ्य यह भी है कि कलेक्टर के आदेश के बावजूद एक शिक्षक द्वारा प्रभार ना सौंपने का मामला भी इसी स्कूल और फिजिक्स के उसी शिक्षक का कारनामा है जो कलेक्टर के आदेश के सम्बंध में अन्य अधिकारियों कर्मचारियों के लिए उदाहरण बन चुका है। छिन्दवाड़ा जिले की कलेक्टर द्वारा किये गए आदेश को तीसरा महीना भी गुजर चुका है। नया शैक्षणिक सत्र प्रारम्भ हो चुका है ऐसे में प्रशासन के आदेशों की अवहेलना करने वाले शिक्षक बच्चों को क्या शिक्षा देंगे अंदाज़ लगाया जा सकता है।

KBP NEWS.IN

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