छिंदवाड़ा मध्य प्रदेश का एक ऐसा जिला है जो सरकारी योजनाओं और राजनीतिक दृष्टि से काफी संवेदनशील है। जहां केंद्र और राज्य की सरकार पूरी तरह से नजरें जमाए हुए है। तो वहीं, छिंदवाड़ा पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता कमलनाथ का गृह जिला और राजनीतिक कर्मभूमि है। ऐसे में यह जिला और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। लेकिन प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं पर पलीता लगाने में कुछ विभाग के अधिकारी कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसे ही विभागों में से एक है जिला पशु चिकित्सा विभाग… जहां लंबे समय से पदस्थ उपसंचालक श्री पक्षवार ने योजनाओं और आदेशों की धज्जियां उड़ाने में कसर नहीं छोड़ी है… बीते दिनों जहां एक योजना के तहत 2 करोड़ से ज्यादा के भ्रष्टाचार का आरोप उपसंचालक पर लगाया गया है तो वहीं, अब आला अधिकारियों के आदेशों की धज्जियां उड़ाने का मामला भी सामने आया है…
स्टेट डेस्क/छिंदवाड़ा-दरअसल मामला जबलपुर ज्वाइन डायरेक्टर के आदेश से जुड़ा हुआ है। जिन्होंने लगभग डेढ़ माह पहले छिंदवाड़ा पशु चिकित्सा हॉस्पिटल इंचार्ज डॉ उमेश निरापुरे का ट्रांसफर बालाघाट किया था। लेकिन आज तक उप संचालक द्वारा हॉस्पिटल इंचार्ज को रिलीव नहीं किया है। डेढ़ माह बीतने के बाद भी ज्वाइन डायरेक्टर के आदेशों का पालन ना होना बताता है कि उपसंचालक किस तरह आला अधिकारियों के आदेशों की धज्जियां उड़ाते चले आ रहे हैं…
इधर सूत्रों के अनुसार हॉस्पिटल इंचार्ज डॉ उमेश निरापुरे उपसंचालक के खास कहलाते हैं..? जिसके चलते उपसंचालक इन्हें रिलीव नहीं कर रहे हैं..? वही विभिन्न मामलों में इनकी स्थिति संदेहास्पद भी दिखाई दे रही है…? सवाल यह उठता है कि आला अधिकारियों के आदेश का पालन ना करने के पीछे उप संचालक श्री पक्षवार की क्या मजबूरी है..? आखिर रिलीव ना करने के पीछे क्या सांठ गांठ हो सकती है या फिर कुछ और मामला है..?
क्रमशा: अंक एक
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