छिन्दवाड़ा की जनता ने देखी पूनम में अमावस्या
स्टेट डेस्क/छिन्दवाड़ा- भाजपा की सुपर फ्लॉप जन आशीर्वाद यात्रा को धक्का लगाने आई भाजपा सांसद सुश्री पूनम महाजन ने अब तक पर्यटक बनकर छिन्दवाड़ा घूमने आये भाजपा के मंत्रियों और नेताओं से सीख लेकर, बिना अपनी बुद्धि लगाये जिले की सातों विधानसभा जीतने का दावा ठोका है जबकि उन्हें यह भी ज्ञात नहीं होगा कि सात विधानसभा क्षेत्र वाले छिन्दवाड़ा जिले में कितनी विधानसभायें सामान्य और कितनी आरक्षित है बस केवल इतना बताया गया कि सात तक गिनना है।
एक विज्ञप्ति के माध्यम से सांसद पूनम महाजन द्वारा गत दिवस दिये गये उनके बयान पर पलटवार करते हुये जिला महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती किरण चौधरी ने कहा कि कई नामधारी अपने जीवन में नाम के विपरीत हुआ करते हैं जैसे सेठ गरीब दास और भिखारी अमीरचन्द वैसे ही सुश्री महाजन का व्यक्तित्व है परिजनों ने कुंडली देखकर उनका नाम तो पूनम रखा परन्तु उनका व्यवहार और गुण अमावस्या की तरह है। जिसका उदाहरण उन्होंने स्वयं अपने वक्त्व्य से उजागर कर दिया।
श्रीमती चौधरी ने कहा कि छिन्दवाड़ा की धरती पर कमलनाथ द्वारा बनवाई गई हवाई पट्टी पर उतरकर कमलनाथ द्वारा बनवाई गई सड़कों पर चलकर और कमलनाथ द्वारा कराये गये विकास कार्यों से बने सभा मंच से पूनम जी कह रही है कि कमलनाथ का भूगोल-इतिहास कोई नहीं जानता परन्तु बोलने से पहले वे यह बात भूल गई कि अपने पिता तुल्य नौ बार के सांसद विभिन्न विभागों के केन्द्रीय मंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को यह जिला यह प्रदेश और देश सहित विश्व के अनेकों देश एक राजनेता के रूप में जानते हैं वहीं दूसरी ओर यदि पूनम जी अपना पारिवारिक भूगोल इतिहास देखें तो उनके पिता स्व. श्री प्रमोद महाजन व उनके चाचा स्व. श्री प्रवीण महाजन का भूगोल-इतिहास पूरा देश जानता है कि वे किस रूप में जाने जाते हैं।
श्रीमती चौधरी ने आगे कहा कि जिले के सांसद नकुलनाथ को तोते की संज्ञा देने वाली सुश्री महाजन यह भी सीख लें कि इस जिले के नवनिर्माण के लिये पिता पुत्र ने अपना सर्वस्य झोंक दिया है और जहां तक तोते की उपाधि देने वाली पूनम जी आप भी जान लें कि अब तक अपनी गिद्ध प्रवृति वाले भाजपा के स्थानीय, प्रादेशिक और राष्ट्रीय स्तर के भाजपा नेताओं के ऊल जलूल बयान, समाज, धर्म व जाति विरोधी टिप्पणियों से जनता ने इन्हें देखना सुनना बंद कर दिया था इसीलिये भाजपा ने आपको “मैना”बनाकर छिन्दवाड़ा के समक्ष प्रस्तुत किया है, लेकिन आपकी चहक पर अंकुश लगाकर उसे बेसुरा बना दिया है।
श्रीमती चौधरी ने अंत में कहा कि एक सांसद होकर भी पूनम माहजन यह नहीं जानती कि संसद में हस्ताक्षर उसी सांसद के होते हैं जो संसद जाता है और सम्पूर्ण संसदीय कार्यप्रणाली पर भी तो भाजपा सरकार का कब्जा है और फिर भी अगर शंका हो तो जांच कराये यह स्पष्ट हो जायेगा कि संसद में जनहित के मुद्दे उठाने में और अपने प्रश्ननों से ध्यानाकर्षण कराने में सांसद नकुलनाथ की क्या भूमिका रही है। श्रीमती चौधरी ने कहा कि आप बार-बार छिन्दवाड़ा आयें नकुल-कमलनाथ जी की कर्मभूमि पर आपका स्वागत रहेगा लेकिन जब भी आंये तो पूनम बनकर ही आये अमावस्या नहीं।
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