33 केवी लाईन के नीचे आने वाले सभी पेड़ बिना अनुमति के काटे… आंवला, नीम, पलाश कई पेड काटे…

स्टेट डेस्क /छिंदवाड़ा – जंगल में- मोर नाचा- किसने देखा..? ये मुहावरा विसरे जमाने का है, आज के दौर में पब्लिक और मीडिया को सब दिखता है और सुनाई भी देता है। अगर किसी को दिखाई नहीं दे रहा है, तो वो हैं वन विभाग के अधिकारी…! एसडीओ रेंज परासिया में इन दिनों सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। समय समय पर सुर्खियों में रहने वाली ये रेंज, एक बार फिर सुर्खियों में है… एक बार फिर पेड़ कटाई का मामला सामने आया है। यहां जिम्मेदार विभाग के अधिकारी कर्मचारी सोते रहे और बिना अनुमति के बेखौफ इमारती और औषधि युक्त पेड़ सरेआम कटते रहे। परासिया के मयूर वन में यह पेड़ दिनदहाड़े काट दिए गए मगर वन विभाग को कोई खबर ही नहीं थी…? बात वही हुई- जंगल में मोर नाचा और जंगल विभाग को नहीं दिखा…! बहरकेफ गनीमत ये रही कि मॉर्निग वॉक पर जाने वाले प्रबुद्ध नागरिकों ने देखा तो विभाग को सूचना दी, जिसके बाद विभाग नींद से जागा आंख मली और खानापूर्ति की प्रक्रिया में जुटा..? दर्जन भर से ज्यादा पेड़ काट दिए गए और विभाग को कोई खबर नहीं थी, अगर प्रबुद्धजन खबर न देते तो निश्चित रूप से और कई पेड़ काट दिए जाते। हालाकि विभाग द्वारा एक बिजली कंपनी पर पेड़ काटने का आरोप लगाया जा रहा है और रेंज अधिकारी संबंधित बिजली कंपनी के जिम्मेदार को नोटिस और पत्र भेजने की बात कर रहा है। देखना यह है कि विभाग के द्वारा पत्र लिखने की औपचारिकता का निष्कर्स क्या निकलता है..?

ये है पूरा मामला…
परासिया के मयूर वन मेे बिजली कंपनी ने 13 पेड काट दिए। आंवला, नीम, पलाष के साथ-साथ अन्य प्रजातियों के पेड जमीन के पास से काट दिए। जंगल में 33 केवी लाईन के साथ कतार में ये पेड कटे पडे है। बिजली कंपनी पेड काटे जाने से इंकार कर रही है। वन विभाग इस को लेकर बिजली कंपनी को जिम्मेदार ठहरा रहा है। वन विभाग बिजली कंपनी के इंजिनियर को इस मामले में पत्र भेजने जा रहा है।

गौरतलब है कि बढते तापमान और भीषण गर्मी में लोग जब पेड लगाने को सोच रहे है तब इतनी बडी संख्या में पेड काट दिए गए। पंद्रह साल पुराने पेड काटे जाने से पर्यावरण से जुडे लोग परेशान है। खास बात यह है कि गर्मियों में मयूर वन में पेडों को जिंदा रखने के लिए लोग अपने घरों से पालीथीन में पानी भरकर लाकर इन्हें जिंदा रखते है। परासिया में मयूर वन वन विभाग के कक्ष क्रमांक 720 और 721 में आता है। यहां आंवले बांस का प्लांटेशन किया था। 33केवी की बडी लाईन इस जंगल से होकर गुजरती है। जहां से लाईन गुजरी है उसके ठीक नीचे पेड काटे गए है। सुबह जंगल घूमने गए लोगों ने इन पेडों को कटा देखा। इसके बाद वन विभाग के बीट गार्ड चौकीदार को खबर की। वन रक्षक ने पंचनामा बनाकर इसकी सूचना रेंज आफिस में डिप्टी रेंजर के माध्यम से दी है। वन विभाग के कर्मचारी बिजली कंपनी के आफिस भी गए। लेकिन वहां से पेड काटने से इंकार कर दिया गया। खास बात यह है कि यदि लकडी चोर पेड काटते तो इस तरह कतार से बिजली के तार के नीचे के पेड नहीं काटते। इस बार पेडों की शाखाएं छांटने की जगह बीच से और नीचे से काटकर अलग कर दिया गया।

लाईन का नही किया मेंटनेंस…
इस मामले में मप्र पूर्वी क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के जेई पटेल ने कहा कि 33 केवी लाईन का मेंटनेंस नहीं किया गया है। इसके लिए प्रकाशन कर लाईट बंद कर मेंटनेंस किया जाता है। ये हमने नहीं किया। इसलिए पेड नहीं काटे। किसी और ने काटे होंगे।

KBP NEWS.IN
…जाहिद खान
9425391823

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