पांढुर्णा में है 4 प्रजाति के जहरीले सांपों का डेरा…
स्टेट डेस्क/छिंदवाड़ा/पांढुर्णा – जहरीले सांपो का रेस्क्यू करना इसे शौक कहें या जुनून… लेकिन जब भी किसी के घर में सांप निकल जाय तो सबसे पहले सर्पमित्र को याद किया जाता है। ऐसा ही एक सर्प मित्र पांडुरना में है जिसने एक छड़ी से 6 हजार से ज्यादा सांपों का रेस्क्यू कर रिकॉर्ड बनाया है।
दिन हो रात सूचना के बाद तत्काल पांढुर्णा का सर्पमित्र अमित सांभारे उस ठिकाने पर पहुंचकर अपनी जान जोखिम में डालकर लोहे की छड़ी के सहारे जहरीले सांपों का रेस्क्यू करके लोगो को राहत पहुंचाता है। सर्प मित्र के पास एक छड़ी के अलावा सुरक्षा के दूसरे संसाधन नहीं है। फिर भी वह सांपो का रेस्क्यू करके लोगो को राहत पहुंचाता है।
6 हजार सांपो का रेस्क्यू , महाराष्ट्र में ली ट्रेनिंग…
नाग पंचमी त्यौहार को लेकर सर्पमित्र अमित सांभारे से चर्चा की, उन्होंने बताया की उन्होंने महाराष्ट्र के रामटेक में संचालित वाइल्ड चलेंजर ओर्गनाईजेशन संस्था के माध्यम से जहरीले सांप पकड़ने की ट्रेनिंग ली है। उसके बाद 24 अगस्त 2019 से पांढुर्णा में सांप पकड़ने का सिलसिला शुरू कर दिया। ओर अब तक 6 हजार सांपो का रेस्क्यू करके उसे सुरक्षित जंगल में छोड़ा है।
पांडुरना 4 प्रजाति के सांपो का सबसे ज्यादा डेरा…
सर्पमित्र के मुताबिक पांढुर्णा में सबसे ज्यादा कोबरा , धामण, रसल वायपर और इंडियन क्रेट प्रजाति के सांप पाए जाते है। यह सभी प्रजारी के सांप सबसे ज्यादा जहरीले होते है।
5 साल में मिला दो मुंह वाला सांप…
सर्प मित्र ने वर्ष 2019 से घर घर जाकर जहरीले सांप पकड़ना शुरू किया। लेकिन इन 5 साल में सर्पमित्र अमित सांभारे को लेहरा के एक छोटे से गांव में कुछ माह पहले दो मुंह वाले प्रजाति का सांप मिला था। जिसे रेंजर प्रभुराम मुछाला के मार्गदर्शन में सुरक्षित जंगल में छोड़ा गया था।
जारी है जनसेवा , नही मिली नौकरी…
सर्प मित्र अमित बताते है की वह 5 साल से जन सेवा का काम करके अपनी जान जोखिम में डालकर जहरीले सांप पकड़ता हैं। इसके एवज में लोग सर्पमित्र को पेट्रोल का खर्चा देते है। लेकिन आज तक उसे नगर पालिका या वन विभाग में अस्थाई तौर पर नौकरी नही मिल सकी।
KBP NEWS.IN
…जाहिद खान
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