स्टेट डेस्क/छिंदवाड़ा – अमीरों की शाम गरीबों के नाम…. जाने हम सड़क के लोगों से, ये महलों वाले क्यों जलते हैं… ऐसे कई गीत उन परिस्थितियों पर परवान चढ़े हैं जिसमें रसूखदार अमीर लोग, गरीब कमजोर लोगों और कर्मचारियों पर जुल्म ठाते हैं। 70- 80 के दशक में समाज की कुरीतियों को दर्शाने वाली ऐसी कई फिल्में बनी है। जिसमें अमीर मालिक, गरीब कर्मचारियों के हक और उनके मूलभूत अधिकारों का हनन करते हैं साथ ही उन पर जुल्म की हद भी करते हैं। लेकिन समय बदला और फिल्मकारों सहित कलमकारों की सोच भी बदली। अब समाज की कुरीतियों पर नहीं बल्कि रसूखदारों और अमीरों के कसीदे गढ़ने के लिए कलम चलाई जाती है..? यही वजह है कि 80 के दशक के सितम- अब दोबारा गरीब निर्धन कमजोरों पर होना शुरू हो गए हैं। छिंदवाड़ा में ताजा मामला चर्चा में आया है जहां एक विदेशी कार कंपनी के एजेंसी के मालिक ने अपने कर्मचारी को जमकर पीटा…
सूत्रों के मुताबिक, सारा मामला छिंदवाड़ा के नागपुर रोड पर स्थित विदेशी कार कंपनी की एजेंसी का बताया जा रहा है। एजेंसी के मालिक ने बीते दिन वो हिमाकत की, जिसकी इजाजत ना संविधान देता है ना ही हमारे देश का कानून… लेकिन रसूख और अमीरी के नशे में चूर एजेंसी मालिक ने अपने एक कर्मचारी को इतना पीटा कि उसे मार मार के अधमरा कर दिया। और जब पीड़ित कर्मचारी पुलिस थाना पहुंचा… तब एजेंसी मालिक ने अपने रसूख का ट्रेलर भी दिखा दिया..? पुलिस ने पीड़ित कर्मचारी की बात सुनी है लेकिन अब तक अमीरी के नशे में चूर एजेंसी मालिक पर कार्रवाई नहीं हुई है..? अब देखना यह है कि खाकी का साथ किसे नसीब होता है…?
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…जाहिद खान
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