स्टेट डेस्क/ग्वालियर- हीरे के लिए खास पन्ना के बाद अब ग्वालियर की धरती हीरा उगल सकती है। इसके लिए 35 गांव चिह्नित किए गए हैं। ग्वालियर और शिवपुरी जिले के इन गांवों में पहाड़ और मिट्टी पन्ना जिले जैसी है। इस कारण हीरा होने की संभावना ज्यादा है। जिले के 421 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में डायमंड ब्लॉक देने की तैयारी है। इसे नरवर डायमंड ब्लॉक का नाम दिया गया है।
जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआइ) ने राजस्व, वन और आरक्षित वन भूमि की जानकारी मांगी है। इस जानकारी के पहुंचने के बाद हीरे के खनन के लिए खदान आवंटित की जाएगी। दरअसल, पन्ना में हीरा पाया जाता है। यह विंध्य ग्रुप का हिस्सा है। ग्वालियर भी विंध्य ग्रुप के तहत आता है। मिट्टी और पहाड़ों की एक जैसी स्थिति को देखते हुए जीएसआइ ने सर्वे किया था। इसमें ग्वालियर और शिवपुरी में हीरा मिलने की संभावना नजर आई है। हीरा मिलने पर ग्वालियर की पहचान भी पन्ना की तरह होगी। रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे।
घाटीगांव और भितरवार ब्लॉक खनन के लिए चिहित…
घाटीगांव क्षेत्र के अधिकतर गांव में 100 फीसदी क्षेत्र में खनन का ब्लॉक दिया जाएगा। भितरवार के लोढी में 2 फीसदी जगह पर ही खनन ब्लॉक मिलेगा। रिछारी कला में 1 फीसदी जगह पर ब्लॉक मिलेगा।
अभी ऐसी है खनिज संपदा…
अभी ग्वालियर में सफेद और लाल पत्थर का खनन हो रहा है। इसके अलावा आयरन की भी खदान आवंटित है। पनिहार के पास नई खदान आवंटित करने की प्रक्रिया चल रही है।
घाटीगांव ब्लॉक…
करई, दुर्गसी, बन्हेरी, सेकरा, चुही, बराहना, पटपरी, उम्मेदगढ़, ओबरा, पाटई, मानपुरा, कलवाह, सेमरी, चनगोरा, डागोर, तघई, बड़कागांव, मोहना, आदि गांव में खनन किया जाएगा।
भितरवार ब्लॉक…
मितरी, गधोटा, मावथा, हरसी, खोर, मुसाहरी, सेबई, जतरथी, रिछारी खुर्द, जखवार, बेलगड़ा, डोंगरपुर, मुधारी, रुअर, तालपुर वीरन, बमोर, रिछारी कला, हुरहुरी, रिठोदन, गाजना, श्याऊ, चिटोली, देवरी कला, कैथोड, धोबट, लोढी, करहिया, बैना।
हीरा खनन के लिए ब्लॉक दिए जाएंगे…
हीरा खनन के लिए ब्लॉक दिया जाना है। इसके लिए राजस्व, वन और संरक्षित वन की भूमि की जानकारी मांगी गई है। भूमि रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही है।
प्रदीप भूरिया, खनिज अधिकारी
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