स्टेट डेस्क/भोपाल – प्रदेश में अब निजी स्कूल मनमर्जी फीस नहीं बढ़ा सकेंगे। सरकार ने इस पर रोक लगाकर नया कानून लागू कर दिया है। इसके तहत 25 हजार रुपए वार्षिक से अधिक फीस वाले स्कूल यदि 10 फीसदी से अधिक फीस बढ़ाएंगे तो उन्हें जिला समिति से अनुमति लेनी होगी। इसी फीस में बसों की शुल्क भी शामिल होंगी। यानी, अलग से स्कूल फीस नहीं वसूलेंगे। प्रदेश के 34 हजार निजी स्कूलों में से 18 हजार दायरे में होंगे, क्योंकि 16 हजार स्कूलों में वार्षिक फीस 25 हजार से कम हैं। इससे अभिभावकों को बड़ी राहत मिलेगी। विधानसभा में पारित मप्र निजी विद्यालय (फीस एवं संबंधित विषयों का विनियम) संशोधन बिल पर राज्यपाल ने मुहर लगा दी है।
स्कूल 15% से अधिक फीस बढ़ाएगा तो क्या..?
पहले जिला समिति से अनुमति लेनी होगी। फिर यह विभागीय और राज्य समिति में जाएगी। राज्य स्तरीय समिति की अध्यक्षता स्कूली शिक्षा मंत्री करेंगे। यहां मंजूरी के बाद ही वृद्धि होगी।
स्कूल ने मनमर्जी से 15% फीस बढ़ाई तो क्या होगा..?
विभागीय मंत्री की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समिति अपील की सुनवाई करेगी। राज्य स्तरीय समिति विभागीय समिति के किसी स्कूल पर लगाए अर्थदंड को घटा या बढ़ा सकेगी।
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सालाना फीस 25 हजार है और बस फीस अलग से मांगे तो..?
अभिभावक इसकी शिकायत जिला समिति में कर सकते हैं। क्योंकि अलग से बस शुल्क लेने का प्रावधान नहीं है। यह वार्षिक फीस में ही शामिल है।
ये स्कूल नियंत्रण से बाहर…
नए कानून में 25 हजार वार्षिक से कम फीस लेने वाले स्कूल दायरे से बाहर हैं। चूंकि वे 10% फीस बढ़ाते हैं तो अभिभावकों पर अधिक बोझ नहीं पड़ता। वहीं, 25 हजार से अधिक वार्षिक फीस पर वृद्धि का असर बोझ बढ़ाता है।
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… जाहिद खान
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