स्टेट डेस्क/छिन्दवाड़ा- मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार परस्पर समझौते के आधार पर आमजन को त्वरित एवं सुलभ न्याय दिये जाने के उद्देश्य से नेशनल लोक अदालत का आयोजन जिला न्यायालय छिंदवाड़ा तथा तहसील न्यायालय परासिया, चौरई, पांढुर्णा, सौंसर, जुन्नारदेव, अमरवाड़ा, हर्रई, तामिया में प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण छिन्दवाड़ा सुशांत हुद्दार के कुशल नेतृत्व में किया गया।

      नेशनल लोक अदालत में  42 खण्डपीठों के द्वारा मोटर दुर्घटना के 77 प्रकरणों मे 28600000/-रूपये एवं चेक वाउन्स के 165 प्रकरणों में 26634525/- रूपये, श्रम विवाद के 03 प्रकरण में 2405668/- रूपये के अवार्ड पारित किये गये तथा राजीनामा योग्य दांडिक 271 प्रकरण, पारिवारिक विवाद के 100 प्रकरण, अन्य सिविल प्रकृति के 55 प्रकरणो में 7059680/- रूपये के अवार्ड पारित किये गये। इसी प्रकार विद्युत अधिनियम के 29 प्रक्ररणो में 3170725/- रूपये की अवार्ड राशि सहित न्यायालयों में लंबित कुल 771 प्रकरणों में दोनों पक्षों की सहमति के आधार पर राजीनामा किया जाकर अंतिम निराकरण किया गया। बैंकों, नगर निगम/नगरपालिका, विद्युत विभाग के प्रिलिटिगेशन के 3276 प्रकरणों में 738 प्रक्ररण निराकृत किया जाकर 8158850/- रूपये की राशि के अवार्ड पारित किये गये। 

लोक अदालत में सफलता की कहानी…
ग्राम पंचायत पवनार तहसील मोहखेड़ थाना लावाघोघरी जिला छिन्दवाड़ा निवासी योगीराज सोनी उम्र 25 वर्ष ने कुटुम्ब न्यायालय छिन्दवाड़ा में हिन्दु विवाह अधिनियम की धारा 09 के अन्तर्गत वैवाहिक जीवन की पुर्नस्थापना के लिए याचिका प्रस्तुत किया, अपनी याचिका में योगीराज ने बताया की 26 जून 2023 को उसका विवाह चांद निवासी सरजू सोनी के साथ हुआ था। विवाह के शुरूआती 01 माह तक पत्नि सरजू ठीक ढ़ग से रही उसके बाद उसका व्यवहार उग्र होने लगा और बात-बात पर चिड़कर घर का कोई भी काम न करते हुए लड़ने – झगड़ने लगी थी साथ ही आत्महत्या करने तथा दहेज प्रताड़ना में फंसा देने की धमकी देती थी।

बाद में पत्नि सरजू यह कहने लगी की हम सयुक्त परिवार में रहेगे। हम छिन्दवाड़ा में कमरा लेकर रहेगे। सरजू सोनी बिना उसके सहमति के जबतब मायके चले जाती थी और उसके चरित्र पर बेवजह संदेह भी करती थी। इसी बीच उसकी पत्नि सरजू सोनी गर्भवती हो गई तो वह कहने लगी की मुझे अभी मॉ नही बनना है मैं बंधन में नहीं बनना चाहती इसलिए मैं अपना गर्भपात करा लेती हॅू जिसपर योगीराज ने उसे समझाया की ईश्वर ने हमे माता-पिता बनने का सुअवसर दिया है और गर्भपात कराने से मना कर दिया इसी तरह दोनों के बीच रिस्तों में तनाव बढ़ता गया और दिनांक 07.03.2024 को उसकी पत्नि अपने मायके चली गई। अतः उसकी पत्नि सरजू को उसके साथ दाम्पत्य जीवन निर्वाह करने हेतु आदेशित किया जाय।
कुटुम्ब न्यायालय छिन्दवाड़ा द्वारा श्रीमती सरजू सोनी को नोटिस देकर न्यायालय में बुलवाया गया। तथा न्यायालय द्वारा समझाईस के प्रयास प्रारंभ किये गये।

परिणाम स्वरूप दिनांक 14.12.25024 को नेशनल लोक अदालत में प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय श्री सुशील कुमार तथा सुलहकर्ता सदस्य श्रीमती मीना सोनी के दोनों पति-पत्नि को समझाईस दी गई जिसके परिणाम स्वरूप दोनों पति-पत्नि आपस में एक साथ रहने के सहमत हो गये। जिसपर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री सुंशात हुद्दार, न्यायालय के पीठासीन अधिकारी श्री सुशील कुमार एवं सुलहकर्ता सदस्य की उपस्थिती में दोनो ने एकदूसरे के गले में पुष्पहार पहनाकर नए सिरे से जीवनयापन करने का संकल्प लिया। इस प्रकार लोक अदालत के माध्यम से एक टूटी हुई गृहस्थी पुनः स्थापित हुई।

KBP NEWS.IN
…जाहिद खान
9425391823

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