ज़ाहिद खान, एडिटर इन चीफ़ 9425391823
स्टेड डेस्क- कोरोनावायरस को लेकर चल रहे टोटल लॉक डाउन से अब जूनियर एडवोकेट्स के सामने जीवन यापन को लेकर आर्थिक समस्याएं आने लगी है। जहां सरकारें विभिन्न वर्ग के मजदूरों श्रमिकों को राहत पैकेज दे रहा है तो वहीं कोर्ट भी बंद होने के कारण जूनियर एडवोकेट्स को भी आर्थिक तंगी के दौर से गुजरना होगा, इसी बात को गंभीरता से लेते हुए जूनियर एडवोकेट्स द्वारा राहत पैकेज की मांग उठने लगी है। वही बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने भी सरकार को पत्र लिखकर यह राहत पैकेज जारी करने की मांग की है। काउंसिल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के सभी मुख्यमंत्रियों को इस मांग का पत्र भेज कर जल्द से जल्द राहत पैकेज दिए जाने की मांग की है।
छिंदवाडा बार एसोसिएशन में पंजीकृत जूनियर एडवोकेट्स भी राहत पैकेज की मांग कर रहे हैं। इन जूनियर एडवोकेट्स का कहना है कि बार काँसिल का नियम है कि पंजीकृत एडवोकेट्स अपने पेशे के अलावा और कोई काम नहीं कर सकते हैं इसी कारण से इस बन्द की स्थिति में उनका जीवन निर्वाह अत्यधिक कठिन हो गया है। जूनियर एडवोकेट्स कुछ समय पहले ही प्रेक्टिस में आये है और उनकी प्रेक्टिस अभी जम भी नहीं पायी है ना ही उनकी स्थायी आमदानी बन पायी है।
अधिकतर जूनियर एडवोकेट्स न्यायालय के छोटे मोटे काम कर एवं अपने सीनियर एडवोकेट्स व्दारा दिए जाने वाले दैनिक भत्ते पर ही अपना भरण पोषण करते हैं, लेकिन लॉक डाऊन की चलते वह भी बंद हो गया है। अब इन जूनियर एडवोकेट्स की आर्थिक स्थिति बद से बदतर होती जा रही है लेकिन उनको कोई पूछने वाला नहीं है। जूनियर एडवोकेट्स का कहना है कि सरकार ग़रीबों को तो राहत पहुंचा रही है लेकिन जो माध्यम वर्ग की चादर ओढ़े हुए या ओढ़ा दिए गए गरीब हैं उनकी ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है।
जूनियर एडवोकेट्स भी इसी प्रकार माध्यम वर्ग की चादर ओढा दिए गए गरीब हैं जो रोज काम कर अपनी आय अर्जित करते हैं और वर्तमान समय में उनकी यह आय बंद हो जाने से उनके सामने घर चलने की समस्या आन खड़ी हो गयी है, इन जूनियर एडवोकेट्स के दिल दिमाग में एक ही बात कौंध रही है कि “अब क्या होगा, घर का खर्च कैसे चलेगा, लॉक डाऊन खुलते ही बच्चों की स्कूल फीस कहाँ से आयेगी उनकी किताब कॉपी ड्रेस का खर्च कैसे उठा पाएंगे, लॉक डाऊन में जो उधारी हो गयी है कैसे चुकाएंगे” इन्हीं सवालों को दिल दिमाग में लिए ये सरकार की ओर देख रहे हैं कि शायद सरकार को इनका भी ध्यान आ जाए और इनके लिए भी कोई राहत पैकेज जारी कर दिया जावे।