स्टेट डेस्क/भोपाल – प्रदेश में राष्ट्रीय मिशन कर्मयोगी की अवधारणा और कार्य-प्रणाली को ध्यान में रखकर राज्य सरकार ने क्षमता निर्माण नीति तैयार की है। इस नीति में प्रत्येक विभाग के बजट में मिशन कर्मयोगी के लिये बजट का एक प्रतिशत आरक्षित किया गया है। इस व्यवस्था से कर्मचारियों और अधिकारियों के प्रशिक्षण और क्षमता विकास के लिये आवश्यक संसाधन सुनिश्चित हो रहे हैं। यह व्यवस्था संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास में भी लागू की गयी है।

मिशन कर्मयोगी डिजिटल पोर्टल पर अब तक 43 हजार से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों को पंजीकृत किया जा चुका है। ये कुल कर्मचारियों का लगभग 70 प्रतिशत है। संचालनालय के 8816 प्रतिभागी पाठ्यक्रमों में पंजीकृत हैं, जिनमें से 6843 अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण प्राप्त किया जा चुका है। विभाग द्वारा विशेषज्ञों के माध्यम से 4 ई-लर्निंग मॉड्यूल निर्मित किये गये हैं। इनमें आश्रय-स्थल प्रबंधन, स्व-सहायता समूह गठन एवं प्रबंधन, राजस्व प्रबंधन, प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 शामिल हैं।

प्रदेश की क्षमता निर्माण नीति मिशन कर्मयोगी के आदर्शों पर आधारित एक ठोस एवं दायित्वपूर्ण रणनीति है। इससे राज्य सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों की कौशल और नेतृत्व क्षमता लगातार बढ़ेगी। राज्य सरकार की यह पहल केन्द्र सरकार की नीति से मेल खाती है। प्रशिक्षित प्रशासन तंत्र से सक्षम उत्तरदायी सुशासन व्यवस्था को साकार किया जा रहा है।

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