स्टेड डेस्क- सोहागपुर में वायसन के रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान वन रक्षक की मौत हो गई. वनरक्षक पिछले 2 दिनों से वायसन के रेस्क्यू में लगा हुआ था. विभाग द्वारा रेस्क्यू के लिए एक्सपर्ट टीम ना बुलाए जाने के चलते वन रक्षक की असामयिक मौत हो गई.
जानकारी के अनुसार जंगल से एक वायसन ग्रामीण क्षेत्र में आ गया था, जिसकी निगरानी के लिए वनरक्षक योगेंद्र मालवीय तैनात थे, वे बीते दो दिन से गांव के खेतों में घुसे बेक़ाबू वायसन की निगरानी कर रहे थे, अचानक वायसन योगेंद्र की तरफ दौड़ा- अपनी तरफ वायसन आता देख योगेंद्र ने भी बचने के लिए दौड़ लगाई, परंतु वह दौड़ते दौड़ते थक गिर गया, ग्रामीणों ने वनरक्षक को अस्पताल ले गए जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. डॉक्टर ने मौत की वजह हार्ट अटैक बताई है. सूचना मिलने पर एसडीएम बंदना जाट तहसीलदार पुष्पेंद्र निगम थाना प्रभारी अजय तिवारी रेंजर कैलाश उइके घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू की….
इस हादसे में वनरक्षक की मौत यह बताती है कि वन विभाग किस तरह लापरवाह रवैया अपनाए हुए हैं. विभाग की लापरवाही के चलते वनरक्षक की मौत हो गई? क्योंकि विभाग को इस रेस्क्यू में एक्सपर्ट टीम का सहयोग लेना था . लेकिन इसके बाद भी विभाग ने वन रक्षकों के हवाले इस खतरनाक रेस्क्यू को छोड़ दिया. जिसका नतीजा यह है कि वनरक्षक की मौत हो गई. देखना अब यह है कि विभाग के आला अधिकारी वनरक्षक की मौत को हादसा बताकर फाइल बंद कर देंगे या फिर जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्यवाही करेंगे..?
होशंगाबाद से सहयोगी जावेद कुरैशी की रिपोर्ट