स्टेड डेस्क
छिंदवाड़ा- कोरोना संक्रमण काल में जहां सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पर खासी तरजीह दी जा रही है वहीं जिला शिक्षा विभाग संक्रमण को लेकर गंभीर नहीं है. बड़ा मामला मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिला मुख्यालय के महारानी लक्ष्मी बाई उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का सामने आ रहा है जहां छात्राओं को पुस्तक वितरण के लिए स्कूल तो बुलाया जा रहा है लेकिन ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा रहा है ना ही मास्क पर ध्यान दिया जा रहा है. निश्चित रूप से इस तरह का प्रबंधन छात्राओं के जीवन से खिलवाड़ तो है ही, साथ ही कोरोना संक्रमण के प्रति लापरवाही को भी उजागर करता है. इधर सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट कहा है कि, जहां तक हो सके विद्यार्थियों को पुस्तके घर पहुंचाई जाए.
दरअसल मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में शासकीय महारानी लक्ष्मी बाई स्कूल में छात्राओं को पुस्तक वितरण हेतु स्कूल बुलाया जा रहा है लेकिन प्रबंधन छात्राओं को ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करा पा रहा है और ना ही मास्क की अनिवार्यता रख रहा है. हम यहां इस खबर के साथ एक छायाचित्र भी दिखा रहे हैं जिसमें छात्राओं की भीड़ साफ दिखाई दे रही है. स्कूल प्रबंधन की लापरवाही का खामियाजा छात्राओं और उनके परिवार सहित जिला प्रशासन को भी भुगतना पड़ सकता है. वहीं इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी की भी घोर लापरवाही प्रदर्शित होती है यदि जिला शिक्षा अधिकारी समय रहते इस ओर ध्यान नहीं देते हैं तो निश्चित ही संक्रमण अपने पैर पसार सकता है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता.
आखिर शिक्षा विभाग जिला प्रशासन को क्यों नहीं कर रहा है सहयोग..?
इस तरह के हालात साफ बयान करते हैं कि कोरोना संक्रमण को लेकर जिस तरह कलेक्टर और उनकी टीम संजीदा है. किसी भी किस्म की चूक ना हो इसके लिए कलेक्टर स्वयं कोरोना के मामलों पर निगाह रखे हुए हैं. ऐसे में शिक्षा विभाग की इस तरह की घोर लापरवाही बताती है कि शिक्षा विभाग जिला प्रशासन के मंसूबों पर पानी फेरने का काम कर रहा है. इससे साफ ज़ाहिर होता है कि जिला शिक्षा विभाग कोरोना संक्रमण को लेकर संजीदा नहीं है ? यदि होते तो ऐसे मामले उजागर नहीं होते ? आखिर क्यों शिक्षा विभाग कोरोनावायरस जैसे खतरनाक मामले में जिला प्रशासन का सहयोग नहीं कर रहा है?
ज़ाहिद खान, एडिटर इन चीफ़ 9425391823